📚 हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक व आलोचक – जीवन परिचय एवं रचनाएँ
भारत के आधुनिक हिंदी साहित्य में कई महान लेखकों और आलोचकों ने अपना अमूल्य योगदान दिया। प्रतियोगी परीक्षाओं (UPSC, UGC NET, TGT, PGT, SSC) की दृष्टि से डॉ. नगेन्द्र, अमृतलाल नागर, रामनरेश त्रिपाठी और महादेवी वर्मा के जीवन परिचय व रचनाएँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
🧠 1. डॉ. नगेन्द्र – सम्पूर्ण परिचय
- 📅 जन्म: 9 मार्च 1915, अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
- 🕯 निधन: 27 अक्टूबर 1999
- 🏆 पुरस्कार: साहित्य अकादमी पुरस्कार (1965) – रस-सिद्धांत के लिए
- 🎓 1948 में रीतिकाव्य की भूमिका व महाकवि देव पर शोध उपाधि प्राप्त की।
- ✍️ साहित्यिक जीवन कवि के रूप में 1937 में ‘वनबाला’ से प्रारंभ।
- 📚 फ्रायड के मनोविश्लेषण सिद्धांत पर आधारित नाटकों की आलोचना लिखी।
- 🏫 दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्ति के बाद स्वतंत्र साहित्य साधना की।
📖 मुख्य निबंध / आलोचनात्मक रचनाएँ
अन्य रचनाएँ: अभिनव भारती, नाट्य दर्पण, काव्य में उदात्त तत्व, भारतीय काव्यशास्त्र की परंपरा, पाश्चात्य काव्यशास्त्र की परंपरा, चेतना के बिंब, हिंदी उपन्यास (निबंध), अर्द्धकथा (1988)।
📌 साहित्यिक काल विभाजन
डॉ. नगेन्द्र ने हिंदी साहित्य इतिहास को चार मुख्य कालखंडों में बाँटा:
-
भक्तिकाल – 14वीं श. मध्य से 17वीं श. मध्य
-
रीतिकाल – 17वीं श. मध्य से 19वीं श. मध्य
-
आधुनिक काल – 19वीं श. मध्य से अब तक
- पुनर्जागरण काल (1857–1900)
- जागरण सुधार काल (1900–1918)
- छायावादोत्तर काल / नवलेखन काल (1953 से अब तक)
✍️ 2. अमृतलाल नागर – जीवन परिचय व रचनाएँ
- 📅 जन्म: 17 अगस्त 1916, गोकुलपुरा (आगरा)
- 🕯 मृत्यु: —
- 📖 स्वाध्याय द्वारा साहित्य, इतिहास, पुराण, पुरातत्व व समाजशास्त्र का अध्ययन।
- 🌐 हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगला, अंग्रेज़ी में अधिकार।
- 🎙️ 1953–1956 तक आकाशवाणी लखनऊ में ड्रामा प्रोड्यूसर।
📚 मुख्य रचनाएँ
उपन्यास:
- भूख, बूँद और समुद्र, शतरंज के मोहरे, सुहाग के नुपूर, अमृत और विष, सात घूँघट वाला मुखड़ा, एकदा नैमिषारण्ये, मानस का हंस, नाच्यौ बहुत गोपाल, अग्निगर्भा, करवट
कहानी संग्रह:
- अवशेष, तुलाराम शास्त्री, पाँचवाँ दस्ता, एक दिल हजार दास्ताँ, एटम बम, पीपल की परी, युगावतार (1956), नुक्कड़ पर (1981)
👉 उपन्यास लेखन, कहानी, व्यंग्य, बाल साहित्य व अनुवाद में महत्वपूर्ण योगदान।
🪔 3. रामनरेश त्रिपाठी – जीवन परिचय
- 📅 जन्म: 1889 ई.
- 🕯 मृत्यु: 1962 ई.
📚 प्रमुख रचनाएँ
- पथिक (1920) – उपनिवेशवाद से मुक्ति का आह्वान
- स्वप्न (1929) – विदेशी आक्रमणों से सुरक्षा व प्रकृति चित्रण
- मानसी (1927) – देशभक्ति व नीति आधारित फुटकल कविताएँ
📌 विशेष तथ्य:
- ‘मिलन’, ‘पथिक’ और ‘स्वप्न’ प्रेमाख्यानक खंडकाव्य की श्रेणी में।
- ‘कविता कौमुदी’ के आठ भागों में हिंदी, उर्दू, बंगला व संस्कृत का संकलन।
- लोकगीतों का संग्रह व असहयोग आंदोलन में सहभागिता।
- प्रसिद्ध कथन:
“पराधीन रहकर अपना सुख शोक न कह सकता है,
यह अपमान जगत में केवल पशु ही सह सकता है।”
🌸 4. महादेवी वर्मा – जीवन परिचय एवं रचनाएँ
- 📅 जन्म: 1907 ई.
- 🕯 मृत्यु: 1987 ई.
- 🎓 प्रारंभ में ब्रजभाषा, बाद में खड़ी बोली में लेखन।
- 📰 ‘चाँद’ पत्रिका की संपादक, ‘साहित्यकार संसद’ की संस्थापक।
- 🏅 पद्म भूषण, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, मंगला प्रसाद पारितोषिक
📝 मुख्य काव्य रचनाएँ
नीहार (1930), रश्मि (1932), नीरजा (1935), सांध्यगीत (1936), दीपशिखा (1942), सप्तपर्णा (1960)
👉 ट्रिक: नेहा रानी सादी सप्त
- यामा (1940) – समेकित काव्य संग्रह (नीहार, रश्मि, नीरजा, सांध्यगीत)
- यामा के लिए 1982 में ज्ञानपीठ पुरस्कार
📌 विशेष तथ्य
- “हिन्दी की विशाल मंदिर की वीणा पाणी” कहा गया।
- आचार्य शुक्ल के अनुसार: “छायावादी कवियों में महादेवी जी ही रहस्यवाद के भीतर रही हैं।”
- 236 गीतों की रचना।
- विरह की प्रांजल अनुभूति, परिष्कृत चिंतन, गंभीरता व सौन्दर्यशिल्प इनकी कविता की विशेषता है।
📝 निष्कर्ष
डॉ. नगेन्द्र की साहित्यिक आलोचना, अमृतलाल नागर के उपन्यास, रामनरेश त्रिपाठी के देशभक्ति पूर्ण काव्य और महादेवी वर्मा की छायावादी कविताएँ — हिंदी साहित्य को नई ऊँचाइयों तक ले गईं।
इन लेखकों के जीवन परिचय व रचनाएँ UPSC, UGC NET, TGT-PGT, और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
0 टिप्पणियाँ