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भारतेन्दु हरिश्चंद्र व महावीर प्रसाद द्विवेदी जीवन परिचय

भारतेन्दु हरिश्चंद्र – जीवन परिचय एवं साहित्यिक योगदान

(Bhartendu Harishchandra Jeevan Parichay, Hindi Sahitya History, Hindi Literature)

📌 जन्म और प्रारंभिक जीवन

  • जन्म: 9 सितम्बर 1850 ई. (1907 वि.)
  • जन्मस्थान: काशी (वैश्य परिवार)
  • पिता: बाबू गोपालचन्द्र गिरिधरदास
  • मृत्यु: 6 जनवरी 1885 ई. (35 वर्ष की आयु में)
  • मूल नाम: हरिश्चंद्र
  • उपाधि: भारतेन्दु (1880 ई. में साहित्यकारों द्वारा दी गई)

📰 पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन कार्य

भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने हिंदी पत्रकारिता को नई दिशा दी। उन्होंने तीन प्रमुख पत्रिकाओं का सम्पादन किया —

  1. कवि-वचन सुधा (1868) – मासिक, पाक्षिक, साप्ताहिक

  2. हरिश्चंद्र चन्द्रिका (1873) – प्रारंभ में "हरिश्चंद्र मैगज़ीन" नाम से प्रकाशित

  3. बाल-बोधिनी (1874) – मासिक पत्रिका

इन तीनों का प्रकाशन काशी (बनारस) से हुआ और इन्होंने हिंदी गद्य को परिष्कृत रूप दिया।


🎭 भारतेन्दु हरिश्चंद्र की प्रमुख रचनाएँ

(Bhartendu Harishchandra Rachnayein, Natak, Kavya, Hindi Literature)

🎭 नाट्य रचनाएँ (कुल 17)

अनूदित नाटक – 8

जैसे: विद्यासुंदर (1868), रत्नावली (1868), धनंजय विजय (1873), कर्पूरमंजरी (1875), भारत जननी (1877), मुद्राराक्षस (1878), दुर्लभबंधु (1880)

मौलिक नाटक – 9

जैसे: वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति (1873), सत्य हरिश्चंद्र (1875), श्री चन्द्रावली नाटिका (1876), नीलदेवी (1881), अंधेर नगरी (1881), प्रेम जोगिनी (1875), सती प्रताप (1883)

“अंधेर नगरी” प्रहसन के रूप में आज भी भ्रष्ट शासन तंत्र पर व्यंग्य के लिए प्रसिद्ध है।


📝 काव्य रचनाएँ (कुल 70)

प्रमुख काव्य: प्रबोधिनी, विजय-वल्लरी (1881), विजयिनी विजय वैजयंती (1882), दशरथ विलाप, वैशाख माहात्म्य, वर्षा-विनोद (1880), भक्त सर्वस्व, बन्दरसभा, उर्दू का स्यापा

  • “प्रबोधिनी” ने विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार की प्रेरणा दी।
  • सभी रचनाएँ ‘भारतेंदु ग्रंथावली’ में संकलित हैं।


📚 उपन्यास, निबंध और विशेष तथ्य

  • उपन्यास: हमीर हठ, सुलोचना, रामलीला, सीलवती, सावित्री चरित्र
  • इतिहास ग्रन्थ: कश्मीर कुसुम, बादशाह
  • विशेष तथ्य:

    • हिन्दी गद्य के जन्मदाता
    • कविता वर्धिनी सभा व तदीय समाज की स्थापना
    • “निज भाषा उन्नति अहै...” पंक्ति आज भी प्रसिद्ध
    • बाल्यावस्था में ही लेखन की शुरुआत


💐 महावीर प्रसाद द्विवेदी – जीवन परिचय एवं साहित्य सेवा

(Mahavir Prasad Dwivedi Biography, Hindi Sahitya, Criticism)

📌 जन्म एवं जीवन

  • जन्म: 1864 ई., दौलतपुर (रायबरेली, उ.प्र.)
  • मृत्यु: 21 दिसम्बर 1938 (रायबरेली)

द्विवेदीजी आधुनिक हिंदी गद्य-पद्य के परिमार्जनकर्ता माने जाते हैं। उन्होंने साहित्य को सामाजिक उपयोगिता से जोड़ा।


📝 महावीर प्रसाद द्विवेदी की प्रमुख रचनाएँ

✍️ मौलिक रचनाएँ

काव्य-मंजूषा, सुमन (1923), कान्य-कुब्ज, अबला विलाप, संपत्ति शास्त्र, कविता कलाप, नागरी तेरी यह दशा

🌐 अनूदित गद्य

भामिनी विलास (1891), शिक्षा (1906), जल चिकित्सा (1907), महाभारत (1908), वेणी संहार (1913), मेघदूत (1917), किरातार्जुनीयम (1917)

🕊 अनूदित पद्य

विनय विनोद (1889), स्नेह माला (1890), विहार वाटिका (1890), गंगालहरी (1891), ऋतुतरंगिणी (1891), कुमारसम्भवसार (1902)


🌟 विशेष योगदान और शैलियाँ

  • हिंदी समालोचना के संस्थापक
  • रेलवे नौकरी छोड़ साहित्य को समर्पण
  • मैथिलीशरण गुप्त द्वारा प्रशंसा:
  • करते तुलसीदास भी कैसे मानस नाद।
  • महावीर का यदि उन्हें मिलता नहीं प्रसाद।। 
✍️ प्रमुख लेखन शैलियाँ
  • व्यंग्यात्मक शैली – हास्य, सरल भाषा
  • आलोचनात्मक शैली – संयत व गंभीर भाषा
  • गवेषणात्मक शैली – संस्कृत-प्रधान शुद्ध भाषा
🏁 निष्कर्ष
(Hindi Literature History, Bhartendu Era, Dwivedi Era, UPSC Notes)
भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी, वहीं महावीर प्रसाद द्विवेदी ने उसे आधुनिकता, आलोचनात्मक दृष्टि और सामाजिक उपयोगिता से जोड़ा। दोनों ही हिंदी साहित्य के स्तंभ हैं

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