ELSA 3 जहाज के डूबने से हुए भारी पारिस्थितिक नुकसान का पता चला | MSC Elsa 3 जहाज दुर्घटना: समुद्री प्रदूषण एवं प्रशासनिक चुनौतियाँ
1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis) :
📌 लेख का संक्षिप्त सार :
25 मई, 2025 को लाइबेरियाई झंडे वाला कंटेनर जहाज MSC Elsa 3 केरल के कोच्चि तट से approximately 38 समुद्री मील दूर डूब गया। इस जहाज में 640 कंटेनर थे, जिनमें 13 खतरनाक पदार्थों (कैल्शियम कार्बाइड, रबर सॉल्यूशन आदि) से भरे हुए थे तथा 367.1 टन फर्नेस ऑयल और 84.4 टन डीजल था। इस दुर्घटना के परिणामस्वरूप भारी मात्रा में तेल रिसाव और रासायनिक प्रदूषण हुआ, जिसने केरल के तटीय पारिस्थितिकी तंत्र और मछुआरों की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया। केरल सरकार ने इसे "राज्य विशेष आपदा" घोषित किया है।
🎯 संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background) :
- तिथि और स्थान: 24-25 मई, 2025 को केरल के कोच्चि तट से लगभग 38 समुद्री मील दूर अरब सागर में हुई दुर्घटना।
- जहाज का विवरण: 28 वर्ष पुराना 184 मीटर लंबा लाइबेरियाई झंडे वाला कंटेनर जहाज, जो MSC शिप मैनेजमेंट कंपनी द्वारा संचालित था।
- मालवाहक: जहाज पर 643 कंटेनर थे, जिनमें 12 कैल्शियम कार्बाइड, 1 रबर सॉल्यूशन और 46 हाइड्रोकार्बन-आधारित पदार्थ (प्लास्टिक छर्रे) से भरे कंटेनर शामिल थे।
- ईंधन: 367.1 टन वेरी लो सल्फर फ्यूल ऑयल (VLSFO) और 84.4 टन मरीन गैस ऑयल (MGO)।
⚠️ मुद्दे/चुनौतियाँ (Issues/Challenges) :
- पर्यावरणीय प्रदूषण:
- तेल रिसाव और रासायनिक प्रदूषण (कैल्शियम कार्बाइड) के कारण समुद्री जल की गुणवत्ता में गिरावट।
- पानी और तलछट में भारी धातुओं (निकल, सीसा, तांबा, वैनेडियम) और पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAHs) की उच्च सांद्रता।
- पारिस्थितिक प्रभाव:
- समुद्री खाद्य श्रृंखला के आधार (ज़ूप्लैंकटन) का प्रदूषण।
- मछलियों के अंडे और लार्वा की मृत्यु दर में वृद्धि।
- बेंथिक (तलछट) जीवों में संवेदनशील प्रजातियों का विलुप्त होना और प्रदूषण-सहनशील प्रजातियों का प्रभुत्व।
- आर्थिक प्रभाव:
- मछली पकड़ने पर रोक के कारण मछुआरों की आजीविका को खतरा (केरल भारत की 15% मछली उत्पादन करता है)।
- तटीय सफाई और बहाली में उच्च लागत।
- प्रशासनिक और कानूनी चुनौतियाँ:
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों के तहत जिम्मेदारी तय करने में कठिनाई (जहाज लाइबेरियाई झंडे के तहत, यूरोपीय संचालक, वैश्विक बीमा)।
- त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय की कमी।
🌍 राष्ट्रीय + अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National + International Impact) :
- राष्ट्रीय प्रभाव:
- भारत की समुद्री आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं पर सवाल।
- तटीय राज्यों में समुद्री व्यापार और पर्यावरण सुरक्षा के बीच संतुलन की चुनौती।
- केरल सरकार द्वारा ₹9,531 करोड़ का मुआवजा दावा किया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव:
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा नियमों का पालन सुनिश्चित करने पर पुनर्विचार।
- समुद्री पर्यावरण संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता।
🛣️ आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions) :
- तत्काल कार्रवाई:
- जहाज के मलबे और ईंधन टैंकों को सील करना to prevent further leakage.
- प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर निगरानी और सफाई अभियान।
- दीर्घकालिक उपाय:
- भारत की समुद्री आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करना।
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना।
- तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की लचीलापन बढ़ाने के लिए अनुसंधान और विकास।
- नीतिगत सुधार:
- राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (NOS-DCP) का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- समुद्री प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अंतर-एजेंसी समन्वय में सुधार।
📊 Extra Data/Report/Case Studies :
- CMLRE रिपोर्ट: केंद्र for Marine Living Resources and Ecology (CMLRE) की रिपोर्ट confirmed extensive pollution and ecological damage.
- चेन्नई तेल रिसाव (2017): A similar incident where an oil tanker collision caused significant coastal damage, highlighting recurring challenges.
2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance) :
📚 किस GS Paper (I/II/III/IV), Essay या Optional से जुड़ा है
- GS Paper III: पर्यावरण प्रदूषण और संरक्षण, आपदा प्रबंधन।
- GS Paper II: शासन, कानून और नीति के मुद्दे, अंतर्राष्ट्रीय संबंध।
- GS Paper I: भारत के तटीय क्षेत्रों की और पर्यावरणीय मुद्दे।
- निबंध: पर्यावरण संरक्षण बनाम आर्थिक विकास, और इसके पर्यावरणीय प्रभाव।
🔑 कीवर्ड और आयाम (Keywords & Dimensions) :
- पर्यावरण (Environment): समुद्री प्रदूषण, तेल रिसाव, पारिस्थितिक क्षरण।
- शासन (Governance): आपदा प्रबंधन, नियामक ढांचा, अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन।
- अर्थव्यवस्था (Economy): मछुआरों की आजीविका, पर्यटन पर प्रभाव।
- अंतर्राष्ट्रीय संबंध (International Relations): अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानून, सीमा पार प्रदूषण।
3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न :
📖 Related Prelims PYQ (साल + प्रश्न)
- 2023: भारत के संदर्भ में 'ऋण-सकल घरेलू उत्पाद अनुपात' का क्या महत्व है? (उत्तर: c) यह सरकार के ऋण सेवा बोझ का एक संकेतक है।)
- 2020: निम्नलिखित में से कौन सा कथन समुद्री पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन के बारे में सही है? (उत्तर: MARPOL कन्वेंशन जहाजों से समुद्री प्रदूषण को रोकने से संबंधित है।)
📝 Related Mains PYQ (साल + प्रश्न)
- 2019: "भारत में समुद्री प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है।" टिप्पणी कीजिए।
- 2021: समुद्री प्रदूषण के स्रोतों और भारत में इसके प्रबंधन के उपायों की विवेचना कीजिए।
🔮 संभावित प्रश्न भविष्य के लिए (Expected Possible Question in Future)
- Prelims: MSC Elsa 3 दुर्घटना के संबंध में तथ्यात्मक प्रश्न (जैसे स्थान, तिथि, प्रदूषक)।
- Mains: "हाल की MSC Elsa 3 दुर्घटना ने भारत की समुद्री आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं की कमजोरियों को उजागर किया है।" विश्लेषण कीजिए।
4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice) :
❓ Q. समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए भारत की तैयारियों और चुनौतियों का विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)
👉 मॉडल उत्तर संरचना (Model Answer Structure) :
📌 परिचय (Introduction)
हालिया MSC Elsa 3 दुर्घटना ने समुद्री प्रदूषण के जोखिमों और भारत की तैयारियों पर सवाल खड़े किए हैं। भारत की लंबी तटरेखा और बढ़ते समुद्री व्यापार के मद्देनजर, समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए एक मजबूत ढांचा आवश्यक है।
📌 मुख्य भाग (Body)
- तैयारियाँ:
- कानूनी ढाँचा: अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (MARPOL, OPRC) का कार्यान्वयन।
- संस्थागत तंत्र: भारतीय तटरक्षक बल (ICG) को केंद्रीय समन्वय प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया।
- योजना: राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (NOS-DCP)।
- चुनौतियाँ:
- तकनीकी सीमाएँ: Deep-sea pollution response capabilities की कमी।
- समन्वय: Multiple agencies के बीच समन्वय का अभाव।
- कानूनी जटिलताएँ: अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के तहत दावों का निपटान।
📌 निष्कर्ष (Conclusion) :
भारत को समुद्री प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी capabilities को upgrade करने की आवश्यकता है, including better technology, stronger laws, and enhanced international cooperation. A proactive approach is essential to protect our marine ecosystems and coastal communities.
7. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation) :
- बेंथिक जीव (Benthic Organisms): समुद्री नितल या उसके निकट रहने वाले जीव, जैसे कीड़े, शंख, और कुछ मछलियाँ। ये sediment stability और nutrient cycling में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- जैव-संचयन (Bioaccumulation): समय के साथ किसी जीव के शरीर में प्रदूषकों का संचय। यह food chain through biomagnification को प्रभावित कर सकता है।
- मार्पोल कन्वेंशन (MARPOL Convention): जहाजों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौता। इसमें oil, noxious substances, sewage, and garbage से होने वाले प्रदूषण शामिल हैं।
- पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAHs): Petroleum and combustion में पाए जाने वाले रासायनिक यौगिक। ये carcinogenic और persistent organic pollutants (POPs) हैं।
References :
- जहाज डूबने से अरब सागर प्रदूषण
- केरल हाईकोर्ट का जहाज जब्ती आदेश
- द हिन्दू संपादकीय विश्लेषण
- जहाज दुर्घटना और बचाव अभियान
- जहाज डूबने के कारणों का विश्लेषण
- केरल सरकार की आपदा घोषणा
- केरल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

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