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संयुक्त अरब अमीरात (UAE) - प्रमुख स्थल और आकर्षण - UAE Highlights

 सुर्ख़ियों में रहे स्थल

1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis) :

लेख का संक्षिप्त सार :

हाल ही में, भारत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच ‘निवेश पर उच्च स्तरीय संयुक्त कार्यबल’ (High-Level Joint Task Force on Investments) की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक का प्राथमिक उद्देश्य द्विपक्षीय निवेश प्रवाह में तेजी लाना, निवेश संबंधी बाधाओं को दूर करना और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नए निवेश के अवसरों की पहचान करना था।

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) :

राजधानी :

UAE की राजधानी अबू धाबी है, जो सात अमीरातों में सबसे बड़ी और राजनीतिक-प्रशासनिक केंद्र है।


🌍 भौगोलिक अवस्थिति

  • UAE पश्चिम एशिया में अरब प्रायद्वीप के दक्षि़ पूर्वी भाग में स्थित है।
  • सीमावर्ती देश:

    • पश्चिम और दक्षिण में सऊदी अरब
    • दक्षिण-पूर्व में ओमान
  • समुद्री सीमा:
    • उत्तर और उत्तर-पश्चिम में फारस की खाड़ी
    • पूर्व में ओमान की खाड़ी
  • अक्षांशीय स्थिति: 22°50' से 26° उत्तरी अक्षांश तक।
  • रणनीतिक महत्वहोर्मुज जलडमरूमध्य के निकट स्थित होने के कारण वैश्विक तेल व्यापार के लिए महत्वपूर्ण।


🏜️ भौगोलिक विशेषताएं

1. भू-आकृति:

  • अधिकांश क्षेत्र मरुस्थलीय (रब-अल-खाली रेगिस्तान का हिस्सा)।
  • पूर्वी भाग में हजर पर्वतश्रेणी (ओमान सीमा के निकट), जहाँ सबसे ऊँची चोटी जबल बिल जयस (1,934 मीटर) स्थित है।
  • तटीय क्षेत्रों में नमक के मैदान (सबखा) और मैंग्रोव दलदल पाए जाते हैं।

2. जलवायु:

  • शुष्क रेगिस्तानी जलवायु – ग्रीष्म ऋतु (मई-सितंबर) अत्यधिक गर्म (45-50°C) और आर्द्र, शीत ऋतु (अक्टूबर-अप्रैल) हल्की ठंडी (20-25°C)।
  • वार्षिक वर्षा 100-150 मिमी तक, मुख्यतः शीत ऋतु में।

3. प्राकृतिक संसाधन:

  • तेल और प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार (अबू धाबी और दुबई में केंद्रित)।
  • मोती (ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण, अब कम)।

4. वनस्पति और जीव:

  • ऊँट, अरेबियन ओरिक्स, रेगिस्तानी लोमड़ी, और सीमित मरुस्थलीय वनस्पति (झाड़ियाँ, खजूर के पेड़)।

5. कर्क रेखा:

  • UAE के अबू धाबी अमीरात से होकर गुजरती है, जिससे इसकी उष्णकटिबंधीय स्थिति स्पष्ट होती है।


🗺️ रणनीतिक महत्व

  • होर्मुज जलडमरूमध्य से वैश्विक तेल आपूर्ति का 20-30% गुजरता है, जिससे UAE की अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक प्रासंगिकता महत्वपूर्ण है।


संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + background) :

  • यह कार्यबल भारत और UAE के बीच एक महत्वपूर्ण संस्थागत तंत्र है, जिसकी स्थापना रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए की गई थी।
  • द्विपक्षीय संबंधों में गहनता: दोनों देशों के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत रहे हैं, जिन्हें हाल के वर्षों में रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया गया है। UAE भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है।
  • Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA): फरवरी 2022 में लागू हुआ यह समझौता द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हुआ है, जिसने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान किया है।

मुद्दे/चुनौतियाँ (Issues/challenges) :

  • निवेश संबंधी बाधाएँ: बैठक का एक प्रमुख फोकस निवेशकों के सामने आने वाली व्यावहारिक और नीतिगत बाधाओं, जैसे नियामक अनुपालन, टैक्सेशन मुद्दे और बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा को दूर करना था।
  • व्यापार असंतुलन: भले ही CEPA से व्यापार में वृद्धि हुई है, लेकिन भारत का UAE के साथ व्यापार घाटा एक चिंता का विषय बना हुआ है। निवेश बढ़ने से इस असंतुलन को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • जटिल निवेश ढाँचा: UAE के स्वामित्व वाली निवेश एजेंसियों के लिए भारत में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के अवसरों को नेविगेट करना कभी-कभी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

राष्ट्रीय + अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National + International Impact) :

  • राष्ट्रीय (भारत): UAE से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि से अवसंरचना विकास, विनिर्माण ('Make in India'), और ऊर्जा सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों को बल मिलेगा। यह आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को गति प्रदान करेगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय: यह साझेदारी पश्चिम एशिया में भारत की 'पूर्व की ओर देखो' नीति की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह क्षेत्र में आर्थिक एकीकरण और स्थिरता को बढ़ावा देती है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने में मदद करती है।

आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions) :

  • क्षेत्र-विशिष्ट फोकस: ऊर्जा (विशेषकर नवीकरणीय), लॉजिस्टिक्स, उन्नत प्रौद्योगिकियों (AI, स्टार्टअप), और खाद्य सुरक्षा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में निवेश को लक्षित करना।
  • निवेशक संवाद: निवेशकों की चिंताओं को दूर करने और नीतिगत निश्चितता प्रदान करने के लिए नियमित संवाद तंत्र स्थापित करना।
  • स्थानीयकरण लिंकेज: UAE की 'मेक इट इन द Emirates' पहल और भारत के 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के बीच तालमेल बिठाना ताकि दोनों देशों के उद्योग लाभान्वित हो सकें।


2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance) :

  • किस GS Paper से जुड़ा है:
    • GS Paper II: अंतर्राष्ट्रीय संबंध (India & its neighbourhood-relations, Bilateral agreements), शासन नीति (Investment & industrial policy)
    • GS Paper III: भारतीय अर्थव्यवस्था (Investment models, Foreign Direct Investment, Infrastructure), आर्थिक विकास
  • कीवर्ड और आयाम (Keywords & Dimensions):
    • अंतर्राष्ट्रीय संबंध (IR): द्विपक्षीय संबंध, रणनीतिक साझेदारी, पश्चिम एशिया, कूटनीति।
    • अर्थव्यवस्था (Economy): विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI), व्यापार समझौते (CEPA), आर्थिक सहयोग, अवसंरचना विकास।
    • शासन (Governance): नीति निर्माण, निवेश प्रवाह को सुगम बनाना, नियामक ढाँचा।
    • पर्यावरण (Environment): नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग (हरित हाइड्रोजन, सौर ऊर्जा)।

3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न :

  • Related Prelims PYQ:
    • 2022: "हॉर्मुज जलडमरूमध्य" अक्सर समाचारों में रहता है, यह किससे जुड़ा हुआ है? (a) भूमध्य सागर (b) कैस्पियन सागर (c) फारस की खाड़ी (d) अराल सागर | उत्तर: (c)
  • Related Mains PYQ:
    • 2020 (GS Paper II): "भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंधों में हुए महत्वपूर्ण उन्नयन पर चर्चा करें। क्या यह संबंध पारंपरिक ऊर्जा आपूर्ति से आगे बढ़कर हैं?"
    • 2017 (GS Paper II): "पश्चिम एशिया में भारत की विदेश नीति के विभिन्न आयामों की व्याख्या कीजिए।"
  • संभावित प्रश्न भविष्य के लिए:
    • प्रारंभिक परीक्षा: होर्मुज जलडमरूमध्य, UAE की अमीरातों, CEPA के बारे में तथ्यात्मक प्रश्न।
    • मुख्य परीक्षा: "भारत-UAE संबंध आर्थिक सहयोग से एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में कैसे विकसित हुए हैं? इस साझेदारी के भारत के लिए रणनीतिक और आर्थिक महत्व की विवेचना कीजिए।"

4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice) :

Q. भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच 'निवेश पर उच्च स्तरीय संयुक्त कार्यबल' के महत्व का विश्लेषण कीजिए। यह द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को गहरा करने में किस प्रकार सहायक है? (10 marks/150 words)

👉 मॉडल उत्तर संरचना

परिचय: भारत और UAE के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए गठित 'निवेश पर उच्च स्तरीय संयुक्त कार्यबल' एक महत्वपूर्ण संस्थागत तंत्र है, जिसका लक्ष्य CEPA के तहत प्राप्त गति को आगे बढ़ाना है।

मुख्य भाग:

  • यह कार्यबल द्विपक्षीय निवेश प्रवाह में तेजी लाने, निवेशकों के सामने आने वाली व्यावहारिक और नीतिगत बाधाओं को दूर करने के लिए एक सीधे संवाद का मंच प्रदान करता है।
  • यह ऊर्जा (पारंपरिक और नवीकरणीय), अवसंरचना, लॉजिस्टिक्स, और उन्नत प्रौद्योगिकी जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में नए निवेश अवसरों की पहचान करने पर केंद्रित है।
  • यह भारत के व्यापार घाटे को कम करने और UAE की संप्रभु धन निधियों के लिए विविध और सुरक्षित निवेश विकल्प प्रदान करके पारस्परिक लाभ सुनिश्चित करता है।

निष्कर्ष: यह कार्यबल केवल निवेश बढ़ाने का ही नहीं, बल्कि दोनों राष्ट्रों के बीच दीर्घकालिक, लचीला और रणनीतिक आर्थिक एकीकरण स्थापित करने का एक प्रमुख साधन है।


5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation) :

  • उच्च स्तरीय संयुक्त कार्यबल (High-Level Joint Task Force): यह एक द्विपक्षीय संस्थागत तंत्र है जहाँ दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री विशिष्ट लक्ष्यों (जैसे निवेश बढ़ाना) पर सीधे चर्चा और समन्वय के लिए मिलते हैं। यह पारंपरिक नौकरशाही प्रक्रियाओं से तेज होता है।
  • Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA): यह एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है जो वस्तुओं और सेवाओं पर शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने, निवेश को प्रोत्साहित करने और आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित होता है। भारत-UAE CEPA फरवरी 2022 में लागू हुआ।
  • होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz): फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच स्थित एक संकीर्ण जलडमरूमध्य। यह वैश्विक तेल व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण चोक पॉइंट है, जहाँ से दुनिया का एक बड़ा हिस्सा समुद्री मार्ग से तेल का transport होता है।
  • कर्क रेखा (Tropic of Cancer): यह पृथ्वी की उत्तरी गोलार्ध में स्थित अक्षांश रेखा है जो भूमध्य रेखा के समानांतर 23.5° N पर स्थित है। यह UAE के अबू धाबी अमीरात से होकर गुजरती है, जो देश की उष्णकटिबंधीय और शुष्क जलवायु को दर्शाता है।


References :

  1. Press Information Bureau (PIB) - India-UAE Joint Task Force Meeting
  2. Ministry of Commerce & Industry - India-UAE CEPA
  3. The World Bank - Data on UAE
  4. Central Intelligence Agency (CIA) World Factbook - UAE
  5. Ministry of External Affairs, India - India-UAE Bilateral Relations



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