📰 चर्चा में क्यों
13 अक्टूबर 2025 को गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) द्वारा “भारत में जन्म और मृत्यु से संबंधित रिपोर्ट 2023” जारी की गई।
📌 रिपोर्ट के बारे में
- शीर्षक: Vital Statistics of India based on Civil Registration System
- उद्देश्य: जन्म और मृत्यु की घटनाओं का आधिकारिक रिकॉर्ड रखना — जनसंख्या नीति, स्वास्थ्य योजनाएँ और विकास कार्यक्रमों के लिए आधार।
- कानूनी ढाँचा:
- Registration of Births and Deaths Act, 1969 के तहत 21 दिनों के भीतर पंजीकरण अनिवार्य।
- राज्यों के माध्यम से डाटा केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड।
- प्रणाली: 2023 संशोधन के बाद डिजिटल रीयल-टाइम रजिस्ट्रेशन शुरू।
📊 मुख्य निष्कर्ष (2023)
🚨 प्रमुख चिंताएँ
- लैंगिक असंतुलन:
- सामाजिक-आर्थिक असंतुलन, महिलाओं पर हिंसा, मानव तस्करी, विवाह में असंतुलन जैसी समस्याएँ।
- पंजीकरण में अंतर:
- ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों में कई घटनाएँ दर्ज नहीं होतीं।
- लिंग भेदभाव:
- अवैध लिंग परीक्षण, कन्या भ्रूण हत्या।
- डेटा गुणवत्ता की समस्या:
- बिना चिकित्सा सहायता वाली मौतों में वृद्धि (53.4%)।
- क्षेत्रीय असमानता:
- उत्तर भारत (बिहार, यूपी) में स्थिति चिंताजनक, दक्षिण भारत में अपेक्षाकृत बेहतर।
🧭 आगे की राह
- जागरूकता:
- ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे कार्यक्रमों को स्थानीय स्तर पर प्रभावी बनाना।
- कानूनी प्रवर्तन:
- PCPNDT अधिनियम का सख्ती से पालन, अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई।
- डिजिटल सुधार:
- CRS पोर्टल व मोबाइल ऐप से आसान व तेज़ पंजीकरण।
- स्वास्थ्य अवसंरचना:
- ग्रामीण क्षेत्रों में संस्थागत जन्मों की दर 90% तक बढ़ाना।
- मॉनिटरिंग व डेटा समन्वय:
- राज्यवार लक्ष्य निर्धारण, NFHS व CRS डेटा को जोड़कर नियमित समीक्षा।
📝 परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न
-
प्रिलिम्स:
- “Registration of Births and Deaths Act” किस वर्ष लागू हुआ था?
- रिपोर्ट किस संस्था द्वारा जारी की जाती है?
- मेन्स/निबंध:
- “भारत में जन्म और मृत्यु के सटीक पंजीकरण से न केवल स्वास्थ्य नीति बल्कि लैंगिक समानता को भी मज़बूती मिलती है।” — विश्लेषण कीजिए।
- बाल लिंगानुपात में गिरावट के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों पर चर्चा कीजिए।
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