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रसायन विज्ञान नोबेल 2025 | Chemistry Nobel Prize 2025

रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार 2025

विजेता:

  • 🧪 सुसुमु कितागावा (जापान)
  • 🧪 रिचर्ड रॉबसन (ऑस्ट्रेलिया)
  • 🧪 उमर एम. याघी (अमेरिका)

घोषणा संस्था: रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज
सम्मान का कारण: धातु-कार्बनिक ढाँचों (Metal–Organic Frameworks: MOFs) के विकास में अग्रणी योगदान।


🧱 धातु-कार्बनिक ढाँचे (MOFs) क्या हैं?

  • MOFs एक विशेष प्रकार की छिद्रयुक्त (Porous) क्रिस्टलीय संरचनाएँ होती हैं।
  • इनका निर्माण धातु आयनों (जैसे कॉपर, जिंक आदि) को कार्बनिक अणुओं (जैसे कार्बोक्सिलेट लिगैंड्स) से जोड़कर किया जाता है।
  • इन संरचनाओं में सूक्ष्म छिद्र (Micropores) होते हैं जो गैसों और रासायनिक पदार्थों को अंदर-बाहर प्रवाहित होने की अनुमति देते हैं।
  • साधारण भाषा में — ये ऐसे “क्रिस्टल” हैं जिनके अंदर बहुत सारे “खाली कमरे” होते हैं, जिनमें गैसें या अणु प्रवेश कर सकते हैं।

👉 MOFs को कभी-कभी “मॉलिक्यूलर स्पंज (Molecular Sponges)” भी कहा जाता है, क्योंकि वे गैसों को सोखने और स्टोर करने की अद्भुत क्षमता रखते हैं।


🌍 अनुप्रयोग और उपयोगिता

धातु-कार्बनिक ढाँचे अपनी उच्च सतही क्षेत्रफल, संरचनात्मक लचीलापन और अनुकूलन क्षमता के कारण कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी सिद्ध हो रहे हैं:

  1. 🌵 रेगिस्तानी हवा से पानी संग्रह – MOFs में नमी सोखने की क्षमता होती है, जिससे शुष्क इलाकों में पानी निकाला जा सकता है।
  2. 🌬️ वायु से CO₂ को पकड़ना (Carbon Capture) – जलवायु परिवर्तन से निपटने में अत्यंत उपयोगी।
  3. 🧪 प्रदूषण नियंत्रण – विषैली गैसों और PFAS जैसे हानिकारक रसायनों को अवशोषित कर पर्यावरण शुद्ध करने में।
  4. ऊर्जा भंडारण – हाइड्रोजन या मीथेन जैसी गैसों को सुरक्षित रूप से स्टोर करने में मददगार।
  5. 🍏 खाद्य संरक्षण – फलों से निकलने वाली एथिलीन गैस को रोककर उन्हें धीरे-धीरे पकाने में सहायक।
  6. 💊 दवाओं की नियंत्रित डिलीवरी (Drug Delivery) – MOFs की छिद्रयुक्त संरचना दवाओं को शरीर में धीरे-धीरे छोड़ने में मदद करती है।
  7. ⚗️ रासायनिक उत्प्रेरक (Catalyst) – विभिन्न औद्योगिक और ग्रीन केमिस्ट्री प्रक्रियाओं में उपयोग।

👉 विज्ञान जगत में महत्व:
MOFs की सहायता से ग्रीन केमिस्ट्री, स्वच्छ ऊर्जा, और पर्यावरण संरक्षण में नई संभावनाएँ खुली हैं — जैसे CO₂ कैप्चर और स्वच्छ ईंधन उत्पादन।


🧠 खोज की पृष्ठभूमि

वैज्ञानिक

योगदान

रिचर्ड रॉबसन (1989)

सबसे पहले कॉपर आयनों को कार्बनिक अणुओं से जोड़कर MOF जैसी संरचना बनाई। हालांकि यह संरचना अस्थिर थी।

सुसुमु कितागावा

उन्होंने सिद्ध किया कि गैसें इन संरचनाओं के भीतर-बाहर प्रवाहित हो सकती हैं और उन्हें लचीला बनाया जा सकता है।

उमर एम. याघी

उन्होंने अत्यधिक स्थिर MOFs बनाए और तर्कसंगत डिज़ाइन (Rational Design) के ज़रिए इन ढाँचों को विशिष्ट गुणों के लिए अनुकूलित किया।

👉 याघी को अक्सर “MOFs के जनक (Father of MOFs)” कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने इन संरचनाओं को प्रयोगशाला से वास्तविक उपयोग तक पहुँचाया।


🧪 वैज्ञानिक और तकनीकी महत्व

  • MOFs का सतही क्षेत्रफल अत्यधिक बड़ा होता है — कुछ MOFs का 1 ग्राम सतह क्षेत्र एक फुटबॉल मैदान के बराबर होता है!
  • ये संरचनाएँ मॉड्यूलर (Modular) होती हैं — यानी इन्हें अलग-अलग धातु और लिगैंड जोड़कर विशेष गुणों के लिए “डिज़ाइन” किया जा सकता है।
  • MOFs ने पारंपरिक ऐडसॉर्बेंट्स (जैसे Activated Carbon या Zeolites) की तुलना में अधिक कुशल गैस भंडारण और प्रदूषण नियंत्रण क्षमता दिखाई है।


🏆 निष्कर्ष

2025 का रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार यह दर्शाता है कि रसायन विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि पर्यावरण, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसे वास्तविक वैश्विक मुद्दों के समाधान में भी केंद्रीय भूमिका निभाता है।
MOFs की खोज और विकास ने गैस कैप्चर, जल शोधन, ऊर्जा भंडारण और हरित रसायन के क्षेत्रों में एक नए युग की शुरुआत की है।

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