राष्ट्रीय श्रम एवं रोजगार नीति (मसौदा): श्रम शक्ति नीति 2025
📅 जारी: अक्टूबर 2025 (सार्वजनिक परामर्श हेतु)
🌐 1. उद्देश्य
- भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दृष्टि से एक न्यायसंगत, समावेशी और भविष्य उन्मुख श्रम तंत्र बनाना।
- हर श्रमिक की सुरक्षा, गरिमा और उत्पादकता सुनिश्चित करना।
🪙 2. प्रमुख पहल — “एक राष्ट्र, एक श्रमिक खाता”
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण — EPFO, ESIC, PM-JAY, ई-श्रम पोर्टल, राज्य कल्याण बोर्ड
- प्रत्येक श्रमिक को एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाता
- देश में कहीं भी स्थानांतरण पर लाभ की पोर्टेबिलिटी सुनिश्चित
🧭 3. नीति की दृष्टि और दर्शन
- भारत के सभ्यतागत लोकाचार और ‘श्रम धर्म’ से प्रेरित
- कार्य की गरिमा, नैतिक मूल्य, उद्यमिता और स्थायी आजीविका को बढ़ावा
- संतुलित श्रम ढांचा — श्रमिक कल्याण + उत्पादकता
⚙️ 4. प्रमुख प्रावधान
- 🪪 सामाजिक सुरक्षा सुवाह्यता — सार्वभौमिक पंजीकरण व लाभ पोर्टेबिलिटी
- 🧠 जोखिम-आधारित निरीक्षण — पारंपरिक के बजाय डिजिटल, पारदर्शी निगरानी
- 👩💼 लिंग-संवेदनशील कार्यस्थल — महिलाओं के लिए सुरक्षित एवं समान अवसर
- 🧰 कौशल योजनाओं का अभिसरण — एकीकृत कौशल पारिस्थितिकी तंत्र
- 🧯 व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य संहिता — शून्य कार्यस्थल मृत्यु का लक्ष्य
🌿 5. हरित रोजगार और डिजिटल शासन
- Green Jobs को बढ़ावा — SDGs के अनुरूप सतत रोजगार
- AI-सक्षम श्रम शासन, एकीकृत राष्ट्रीय श्रम डेटा आर्किटेक्चर
- MSMEs के लिए स्व-प्रमाणन व सरल रिटर्न प्रक्रिया
🪜 6. तीन चरणों में क्रियान्वयन
📊 7. जवाबदेही व पारदर्शिता
- रीयल-टाइम डैशबोर्ड से प्रगति मॉनिटरिंग
- LPEI (Labour & Employment Policy Evaluation Index) राज्यों का आकलन
- वार्षिक राष्ट्रीय श्रम रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत
- स्वतंत्र तृतीय-पक्ष समीक्षा से पारदर्शिता
📝 8. अपेक्षित परिणाम
- सार्वभौमिक श्रमिक पंजीकरण व सामाजिक सुरक्षा
- महिला श्रम भागीदारी को 2030 तक 35% तक बढ़ाना
- अनौपचारिक नौकरियों में कमी
- हरित व सभ्य नौकरियों का सृजन
- ‘एक राष्ट्र, एकीकृत कार्यबल’ की स्थापना
🟡 निष्कर्ष
👉 श्रम शक्ति नीति 2025 भारत के श्रमिक वर्ग के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है।
यह नीति भारत को एक डिजिटल, हरित और समावेशी श्रम शासन प्रणाली की ओर अग्रसर करती है — जहाँ “कार्य की गरिमा” और “श्रमिक कल्याण” आर्थिक विकास के केंद्र में हैं।
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