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विश्व बैंक: भारत की विकास दर अनुमानित 6.5% | India GDP Forecast

विश्व बैंक ने भारत की विकास दर का अनुमान 6.5% किया

संदर्भ:
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025–26 के लिए भारत की विकास दर का अनुमान 6.3% से बढ़ाकर 6.5% कर दिया है।
यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से मज़बूत घरेलू बाज़ार, उपभोग में वृद्धि, और जी.एस.टी. सुधारों के प्रभाव का परिणाम है।


🇮🇳 घरेलू मोर्चे पर सकारात्मक संकेत

विश्व बैंक की “दक्षिण एशिया विकास अपडेट रिपोर्ट” (अक्टूबर 2025) में भारत को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त किया गया है।

📈 प्रमुख आँकड़े:

  • 2025 की अप्रैल–जून तिमाही में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर 7.8% रही।
  • यह वृद्धि दर सभी पूर्वानुमानों से अधिक है।

📌 इस वृद्धि के प्रमुख कारक:

  1. 🛍️ बढ़ता निजी उपभोग – शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में उपभोग में तेजी।
  2. 🏗️ निवेश में बढ़ोतरी – बुनियादी ढाँचे और विनिर्माण क्षेत्र में निवेश में सुधार।
  3. 💰 मुद्रास्फीति नियंत्रण में – जिससे क्रय शक्ति में वृद्धि हुई।
  4. 🌾 कृषि उत्पादन और ग्रामीण मजदूरी में सुधार – ग्रामीण आय में वृद्धि ने उपभोग को मज़बूत किया
  5. 🧾 जी.एस.टी. सुधार

    • सरकार ने स्लैब कम करने,
    • अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाने
    • जैसे कदम उठाए हैं, जिससे आर्थिक गतिविधियों में पारदर्शिता और गति आई है।

👉 इन सभी कारणों से भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखने की ओर अग्रसर है।


🌍 अंतरराष्ट्रीय चुनौती: ट्रम्प का टैरिफ वार

रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि अमेरिकी टैरिफ वृद्धि भारत की विकास दर को प्रभावित कर सकती है।

⚠️ संभावित प्रभाव:

  • अमेरिका भारत के लगभग 20% माल निर्यात का गंतव्य है (GDP का लगभग 2%)।
  • व्यापारिक तनावों के चलते भारत को तीन-चौथाई निर्यात पर 50% तक टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।
  • इसके चलते 2026–27 में भारत की अनुमानित विकास दर 6.5% से घटकर 6.3% हो सकती है।


💼 टैरिफ (Tariff) क्या है?

  • टैरिफ = आयात या निर्यात पर लगाया गया कर/शुल्क।
  • आयात शुल्क (Import Tariff) → दूसरे देश से आने वाले माल पर लगाया गया कर।
  • निर्यात शुल्क (Export Tariff) → देश से बाहर जाने वाले माल पर लगाया गया कर।

👉 टैरिफ से एक ओर तो घरेलू उद्योग को सुरक्षा मिलती है, लेकिन दूसरी ओर यह निर्यात-आयात में बाधा भी उत्पन्न कर सकता है, जिससे विकास दर प्रभावित होती है।


📌 विश्लेषण और निष्कर्ष

  • भारत की विकास दर में वृद्धि इस बात का संकेत है कि देश की आंतरिक मांग, निवेश वातावरण और नीतिगत सुधार मजबूत दिशा में जा रहे हैं।
  • हालांकि, बाहरी झटके — विशेषकर अमेरिकी टैरिफ — भारत के निर्यात क्षेत्र के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं।
आने वाले वर्षों में भारत को चाहिए कि वह:

  • 🌐 अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाए,
  • 🤝 नए व्यापारिक साझेदारी समझौते करे,
  • 🏭 घरेलू उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाए,
  • 📈 और नवाचार एवं उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करे।

👉 इस प्रकार, विश्व बैंक की रिपोर्ट संकेत देती है कि भारत की अर्थव्यवस्था फिलहाल सुदृढ़ स्थिति में है, लेकिन वैश्विक परिस्थितियों के अनुरूप व्यापारिक रणनीतियों को समय रहते अनुकूलित करना आवश्यक होगा।


अतिरिक्त तथ्य / UPSC पॉइंटर 📝

  • 📅 विश्व बैंक की “South Asia Development Update” रिपोर्ट साल में दो बार जारी होती है — अप्रैल और अक्टूबर में।
  • 📈 भारत की वृद्धि दर (6.5%) विश्व औसत (लगभग 2.9–3.2%) से दोगुनी है।
  • 🇮🇳 भारत का सेवा क्षेत्र निर्यात में तेजी से उभर रहा है, जिससे टैरिफ के कुछ प्रभावों की भरपाई हो सकती है।
  • 🧮 IMF और RBI दोनों ने भी भारत की विकास दर का अनुमान लगभग 6.5–6.7% लगाया है, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।

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