अमेरिका-पाकिस्तान AMRAAM मिसाइल अनुबंध: रणनीतिक प्रभाव और भारत की प्रतिक्रिया
(US-Pakistan AMRAAM Missile Deal: Strategic Impact & India’s Response)
📝 1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)
अमेरिका ने AIM-120 AMRAAM (Advanced Medium-Range Air-to-Air Missile) की आपूर्ति के लिए रेथियॉन (Raytheon Technologies) के साथ एक संशोधित हथियार अनुबंध में पाकिस्तान को शामिल किया है। यह मिसाइल “दागो और भूल जाओ” (fire and forget) क्षमता वाली दृश्य-सीमा से परे (BVR) मिसाइल है, जो कई देशों की वायु सेनाओं में आधुनिक वायु युद्ध का एक अहम हिस्सा बन चुकी है।
यह निर्णय भारत की सुरक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान की वायुसेना पहले से ही F-16 प्लेटफॉर्म पर AMRAAM मिसाइलों का संचालन करती है।
📌 संदर्भ और पृष्ठभूमि (Context & Background)
- AIM-120 AMRAAM को 1980 के दशक में अमेरिकी वायुसेना और रेथियॉन ने विकसित किया था।
- पाकिस्तान को 1990 के दशक में F-16 लड़ाकू विमानों के साथ सीमित संख्या में AMRAAM मिसाइलें मिलीं।
- 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों पर AMRAAM मिसाइलों का इस्तेमाल किया था।
- अमेरिका का यह नया अनुबंध दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन (strategic balance) को प्रभावित कर सकता है।
⚠️ मुद्दे / चुनौतियाँ (Issues / Challenges)
राष्ट्रीय स्तर पर
- भारत की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान की वायु युद्ध क्षमता में वृद्धि।
- भारतीय वायुसेना के लिए वायु-प्रभुत्व (Air Superiority) बनाए रखना कठिन हो सकता है।
- आधुनिक BVR मिसाइलों के मुकाबले में भारतीय लड़ाकू विमानों को तकनीकी बढ़त बनाए रखनी होगी।
अंतर्राष्ट्रीय / रणनीतिक स्तर पर
- अमेरिका-पाकिस्तान रक्षा संबंधों में निरंतरता, भले ही राजनीतिक स्तर पर उतार-चढ़ाव हों।
- भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी (QUAD, रक्षा सहयोग) के बावजूद यह कदम कुछ हद तक रणनीतिक विरोधाभास उत्पन्न करता है।
- दक्षिण एशिया में हथियारों की प्रतिस्पर्धा (Arms Race) तेज़ हो सकती है।
🌍 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National & International Impact)
भारत पर प्रभाव
- भारतीय वायुसेना को BVR combat scenarios में सतर्क रहने की आवश्यकता बढ़ेगी।
- स्वदेशी ASTRA मिसाइल कार्यक्रम को गति देना अनिवार्य होगा।
- हवाई रक्षा (Air Defence) और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमता को उन्नत करने पर ज़ोर देना होगा।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
- अमेरिका का यह कदम दक्षिण एशिया में “पावर बैलेंस” को सूक्ष्म रूप से बदल सकता है।
- भारत- अमेरिका रक्षा सहयोग पर भी निगाह रहेगी कि भारत इस कदम को कैसे रणनीतिक रूप से संभालता है।
- नाटो सहयोगियों के लिए यह मिसाइल मानक BVR हथियार है, जिससे इसकी तकनीकी विश्वसनीयता और भी बढ़ती है।
🛣️ आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions)
- स्वदेशी क्षमता बढ़ाना: ASTRA Mk-II और Mk-III जैसे उन्नत वेरिएंट को शीघ्र सेवा में लाना।
- कूटनीतिक संवाद: भारत को अमेरिका के साथ उच्च-स्तरीय रक्षा वार्ता में अपने सुरक्षा हितों को स्पष्ट रूप से उठाना चाहिए।
- टेक्नोलॉजी अपग्रेड: भारतीय Su-30 MKI और Tejas जैसे प्लेटफॉर्म पर BVR और Electronic Counter Measures (ECM) को और मज़बूत करना।
- संयुक्त अभ्यास: आधुनिक हवाई युद्ध परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए भारतीय वायुसेना को QUAD एवं अन्य सहयोगियों के साथ Air Combat Exercises में भागीदारी बढ़ानी चाहिए।
📊 Extra Data / Reports / Case Studies
- DRDO ने 2022 में ASTRA Mk-1 का सफल परीक्षण कर इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया।
- AIM-120 AMRAAM की D3 वेरिएंट की अधिकतम रेंज ~160 किमी है, जबकि ASTRA Mk-1 की रेंज 80–110 किमी तक है।
- World Air Forces Report के अनुसार, पाकिस्तान के पास 70+ F-16 लड़ाकू विमान हैं जो AMRAAM-सक्षम हैं।
🧭 2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)
GS Paper II: भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंध, विदेश नीति, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा
GS Paper III: रक्षा तकनीक, आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा चुनौतियाँ
Essay Paper: राष्ट्रीय सुरक्षा एवं रणनीतिक स्वायत्तता
कीवर्ड और आयाम (Keywords & Dimensions)
- Strategic Balance in South Asia
- BVR Missiles
- Defence Technology Indigenization
- India–US–Pakistan Triangle
- National Security & Air Power
📚 3. UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)
📝 Prelims PYQ
(2019) — “भारत में विकसित ASTRA मिसाइल किस प्रकार की मिसाइल है?”
a) Surface-to-Air
b) Air-to-Air ✅
c) Air-to-Surface
d) Surface-to-Surface
📝 Mains PYQ
GS Paper II (2020) — “भारत की विदेश नीति के संदर्भ में पड़ोसी देशों के साथ सुरक्षा संबंधों की समीक्षा कीजिए।”
🔮 संभावित प्रश्न (Expected Question)
GS Paper III (Mains)
“AIM-120 AMRAAM मिसाइल की आपूर्ति में पाकिस्तान को शामिल करने के अमेरिकी निर्णय का भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक हितों पर क्या प्रभाव पड़ेगा? विश्लेषण कीजिए।”
✍️ 4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)
Q. “अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को AMRAAM मिसाइल आपूर्ति में शामिल करने से दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? भारत के लिए इसके निहितार्थों का विश्लेषण कीजिए।” (10/15 Marks)
✅ Model Answer Structure
परिचय (Introduction):
दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन (Strategic Balance) अक्सर हथियारों और रक्षा साझेदारियों से प्रभावित होता है। अमेरिका द्वारा AIM-120 AMRAAM मिसाइलों की आपूर्ति में पाकिस्तान को शामिल करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण विकास है।
मुख्य भाग (Body):
- पाकिस्तान की वायु क्षमता में वृद्धि
- भारतीय वायुसेना के लिए BVR परिदृश्य में नई चुनौतियाँ
- अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों में संभावित विरोधाभास
- स्वदेशी मिसाइल क्षमता की भूमिका (ASTRA कार्यक्रम)
- क्षेत्रीय सुरक्षा और हथियार प्रतिस्पर्धा
निष्कर्ष (Conclusion):
भारत को संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए कूटनीतिक संवाद, तकनीकी आधुनिकीकरण और स्वदेशी क्षमता पर समानांतर ध्यान देना होगा ताकि क्षेत्र में रणनीतिक स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
🧠 5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)
- BVR (Beyond Visual Range) Missiles: ऐसी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें जो 20 किमी से अधिक दूरी पर लक्ष्य भेदने में सक्षम होती हैं।
- Fire and Forget: प्रक्षेपण के बाद मिसाइल स्वयं लक्ष्य का पीछा करती है, पायलट को मिसाइल गाइड करने की आवश्यकता नहीं होती।
- Strategic Balance: किसी क्षेत्र में दो या अधिक देशों के बीच सैन्य शक्ति, गठबंधन और तकनीकी क्षमता का तुलनात्मक संतुलन।
- Electronic Counter Measures (ECM): दुश्मन के रडार और मिसाइलों को भ्रमित या निष्क्रिय करने की तकनीक।
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