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भारत-भूटान सीमा-पार रेल लिंक | Historic Rail Project

भारत-भूटान सीमा-पार रेल लिंक परियोजना : ऐतिहासिक कदम

1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)

संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background)

29 सितंबर 2025 को भारत सरकार ने भारत और भूटान के बीच पहली बार सीमा-पार रेल लिंक की घोषणा की।

  • दो नई लाइनें (कुल 89 किमी) :
    • कोकराझार–गेलेफू लाइन (69 किमी, असम)
    • बनारहाट–साम्त्से लाइन (20 किमी, पश्चिम बंगाल)
    • कुल लागत: ₹4,033 करोड़ (पूर्ण रूप से भारत द्वारा वित्तपोषित)
    • ये परियोजनाएँ भारत-भूटान संबंधों में नई कनेक्टिविटी डाइमेंशन जोड़ेंगी।

मुद्दे / चुनौतियाँ (Issues / Challenges)

    • भौगोलिक चुनौतियाँ: पहाड़ी क्षेत्र, नदियाँ और पर्यावरणीय संवेदनशीलता।
    • भूमि अधिग्रहण: भूटान में भूमि स्वामित्व संरचना जटिल है।
    • सुरक्षा एवं रणनीतिक पहलू: भारत-चीन सीमा समीप होने के कारण संवेदनशीलता।
    • स्थानीय सामाजिक-आर्थिक प्रभाव: आदिवासी व ग्रामीण समुदायों पर भूमि व आजीविका प्रभाव।

राष्ट्रीय + अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National + International Impact)

राष्ट्रीय प्रभाव:

  • पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी और विकास को बढ़ावा।
  • पर्यटन, व्यापार, और उद्योग को गति।
  • "एक्ट ईस्ट पॉलिसी" और "नेबरहुड फर्स्ट" नीति का ठोस कदम।

अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव:

  • भूटान को भारत के 1.5 लाख किमी. रेल नेटवर्क से जोड़कर आर्थिक अवसरों में वृद्धि।
  • भूटान का व्यापार भारत पर निर्भर (80% कुल व्यापार), अब और सुगम होगा।
  • चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत की स्ट्रैटेजिक साझेदारी को मजबूत करना

आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions)

  • पर्यावरणीय संतुलन: निर्माण में sustainable practices अपनाना।
  • स्थानीय भागीदारी: समुदाय आधारित विकास और रोजगार प्राथमिकता।
  • क्षेत्रीय सहयोग: BBIN (Bangladesh, Bhutan, India, Nepal) उप-क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में इन परियोजनाओं का एकीकरण।
  • परिवहन एकीकरण: सड़क, जलमार्ग और रेल का समन्वय → multi-modal transport

Extra Data / Report / Case Studies

  • भारत भूटान का सबसे बड़ा विकास साझेदार है। 13वीं पंचवर्षीय योजना (2024-29) के लिए भारत की ₹10,000 करोड़ सहायता
  • दोनों देशों के बीच 5 प्रमुख हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (चुखा, ताला, मांगदेचू, कुरिचू, पुनत्सांगचू-II)।
  • फरवरी 2025 : जोगीघोपा जलमार्ग टर्मिनल उद्घाटन – भूटान को लाभ।


2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

  • GS Paper II (IR, International Relations) → भारत-भूटान संबंध, नेबरहुड पॉलिसी।
  • GS Paper III (Economy, Infrastructure, Environment) → इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, कनेक्टिविटी, क्षेत्रीय व्यापार।
  • Essay Paper → "Regional Connectivity as a driver of diplomacy and development"।

कीवर्ड व आयाम (Keywords & Dimensions):

  • Neighbourhood First Policy
  • Act East Policy
  • Cross-Border Connectivity
  • Hydro-power Diplomacy
  • Trade Facilitation
  • Regional Security & Stability


3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (UPSC PYQ)

Prelims PYQ

  • 2015 (Prelims): “India’s Look East Policy” is now known as “Act East Policy”. Discuss its significance.
  • 2020 (Prelims): “Kaladan Multimodal Transit Transport Project” connects India with which country?

Mains PYQ

  • 2017 (GS-II): “Act East Policy” has become the corner stone of India’s foreign policy. Discuss its objectives and impact.
  • 2020 (GS-II): India’s relations with neighbouring countries are a major pillar of its foreign policy. Examine with special reference to Bhutan and Nepal.

संभावित प्रश्न (Expected Future Question)

  • Q. भारत-भूटान सीमा-पार रेल परियोजनाओं के आर्थिक, रणनीतिक और सामाजिक प्रभावों का विश्लेषण कीजिए।


4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)

Q. भारत-भूटान के बीच नई सीमा-पार रेल परियोजनाएँ दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को कैसे सुदृढ़ करेंगी? विश्लेषण कीजिए। (15 Marks)

मॉडल उत्तर संरचना

परिचय (Introduction)
भारत और भूटान के संबंध "विशेष मित्रता संधि (1949, संशोधित 2007)" पर आधारित हैं। हाल ही में घोषित रेल परियोजनाएँ इन संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का प्रयास हैं।

मुख्य भाग (Body)

  • आर्थिक प्रभाव:
    • व्यापार और निर्यात-आयात सुगमता।
    • औद्योगिक और पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा।
    • रोजगार सृजन और सीमा क्षेत्रों का विकास।
  • रणनीतिक प्रभाव:
    • भारत की Act East PolicyNeighbourhood First Policy को बल।
    • भूटान में चीन के संभावित प्रभाव को संतुलित करना।
    • क्षेत्रीय सुरक्षा व सहयोग में वृद्धि।
  • चुनौतियाँ:
    • पर्यावरणीय संवेदनशीलता।
    • स्थानीय समुदायों पर प्रभाव।
    • सुरक्षा और वित्तीय अनुशासन।

निष्कर्ष (Conclusion)
ये परियोजनाएँ न केवल भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करेंगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में स्थिरता, विकास और कनेक्टिविटी के नए आयाम स्थापित करेंगी। संतुलित दृष्टिकोण से इनका क्रियान्वयन भारत की स्ट्रैटेजिक डिप्लोमेसी को और सशक्त करेगा।


5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)

  • Neighbourhood First Policy – भारत की विदेश नीति जिसमें पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा संबंधों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • Act East Policy – दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्वी एशिया के देशों के साथ कनेक्टिविटी और सहयोग को बढ़ाने की नीति।
  • Cross-Border Connectivity – दो या अधिक देशों को जोड़ने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर (रेल, सड़क, जलमार्ग) के प्रोजेक्ट।
  • Hydro-power Diplomacy – जलविद्युत परियोजनाओं के माध्यम से पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और विश्वास निर्माण।


References


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