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INS एंड्रोथ | भारतीय नौसेना में पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत शामिल

भारतीय नौसेना में शामिल हुआ आईएनएस एंड्रोथ: पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत

1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)

सारांश:

6 अक्टूबर 2025 को आईएनएस एंड्रोथ, एक पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत, विशाखापत्तनम नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना में शामिल किया गया। यह पोत आईएनएस अर्नाला के बाद इसी श्रेणी का दूसरा पोत है।

मुख्य विशेषताएँ:

  • लंबाई: 77 मीटर
  • वजन: लगभग 1,500 टन
  • 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री
  • तटीय और उथले पानी में पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए डिज़ाइन
  • समुद्री निगरानी, खोज-रक्षक, तटीय सुरक्षा और कम तीव्रता वाले अभियान (LIMO) में सक्षम


संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background)

  • GRSE (Garden Reach Shipbuilders & Engineers Ltd.) द्वारा निर्मित
  • आत्मनिर्भर भारत पहल:

    • SAIL ने विशेष ग्रेड स्टील (Bokaro, Bhilai, Rourkela) उपलब्ध कराई
    • भारत की पनडुब्बी रोधी क्षमता और तटीय सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास

मुद्दे / चुनौतियाँ (Issues / Challenges)

  • स्वदेशीकरण के बावजूद तकनीकी जटिलताएँ और गुणवत्ता सुनिश्चित करना
  • तटीय और उथले पानी में लगातार निगरानी और संचालन क्षमता
  • निजी और सरकारी सहयोग के साथ लागत नियंत्रण
  • लंबी अवधि में रखरखाव और प्रशिक्षण


राष्ट्रीय + अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National & International Impact)

राष्ट्रीय प्रभाव:

  • भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमताओं में वृद्धि
  • तटीय सुरक्षा और समुद्री क्षेत्र में नियंत्रण मजबूत करना
  • स्वदेशी निर्माण और तकनीक के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा

अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव:

  • भारत के समुद्री सामरिक और क्षेत्रीय प्रभाव में वृद्धि
  • हिन्द महासागर क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन में योगदान
  • क्षेत्रीय सहयोग और सुरक्षा पहल के लिए मॉडल


आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions)

  • उन्नत प्रशिक्षण और तकनीकी सुधार
  • सतत निगरानी और रखरखाव के लिए नवीन उपकरण और AI आधारित सिस्टम
  • तटीय सुरक्षा और LIMO अभियानों में पोत का पूर्ण उपयोग
  • आत्मनिर्भर भारत पहल के अंतर्गत अधिक स्वदेशी निर्माण


Extra Data / Case Studies

  • आईएनएस एंड्रोथ GRSE के ASW-SWC पोतों में से एक है
  • लक्षद्वीप समूह के एंड्रोथ द्वीप के नाम पर नामकरण, सामरिक महत्व को दर्शाता है
  • इसके संचालन से हिन्द महासागर क्षेत्र में निगरानी क्षमता में वृद्धि होगी


2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

Dimension

Details

GS Paper

III (Defence, Security, Science & Technology), II (IR – Maritime Security)

Keywords / आयाम

Defence, Indigenous Technology, Maritime Security, Strategy, Governance, IR


Explanation:

  • पोत का स्वदेशी निर्माण Science & Technology और Make in India से संबंधित
  • Maritime Security और सामरिक नियंत्रण GS II & International Relations में महत्वपूर्ण


3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)

Related Prelims PYQ:

  • 2024: "GRSE किस प्रकार के पोतों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है?"

Related Mains PYQ:

  • 2023: "भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमता और भारत के समुद्री हित पर इसका प्रभाव।"

संभावित भविष्य के प्रश्न:

  • आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत नौसेना पोत निर्माण में स्वदेशी सामग्री का महत्व
  • हिन्द महासागर में भारत की रणनीतिक स्थिति में उन्नत ASW पोतों का योगदान


4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)

Q. (15 marks)
"आईएनएस एंड्रोथ जैसी पनडुब्बी रोधी युद्धक पोतों के नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अपने उत्तर में चुनौतियाँ और समाधान भी बताएं।"

मॉडल उत्तर संरचना:

परिचय (Introduction):

  • पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत (ASW) का महत्व
  • आईएनएस एंड्रोथ का हालिया नौसेना में शामिल होना

मुख्य भाग (Body):

  • विशेषताएँ और स्वदेशी निर्माण
  • राष्ट्रीय प्रभाव: तटीय सुरक्षा, निगरानी, सामरिक संतुलन
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव: हिन्द महासागर क्षेत्र में रणनीतिक स्थिति
  • चुनौतियाँ: रखरखाव, प्रशिक्षण, तकनीकी जटिलताएँ

निष्कर्ष (Conclusion):

  • आत्मनिर्भर भारत पहल और तकनीकी नवाचार
  • रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान
  • भविष्य के लिए सतत निगरानी और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा


5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)

  • ASW-SWC (Anti-Submarine Warfare Shallow Water Craft): उथले पानी में पनडुब्बी रोधी युद्धक पोत
  • स्वदेशीकरण (Indigenization): घरेलू संसाधनों और तकनीक का उपयोग
  • LIMO (Low-Intensity Maritime Operations): कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों के लिए कार्यशीलता
  • GRSE (Garden Reach Shipbuilders & Engineers Ltd.): भारत की प्रमुख शिपबिल्डिंग कंपनी

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