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भारत में घरेलू निवेश और निजी पूँजी | Domestic & Private Capital Role

भारत में घरेलू निवेश और निजी पूँजी की भूमिका 

1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)

संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background)

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों के बीच, भारत को अपनी आर्थिक विकास गति बनाए रखने के लिए आंतरिक मांग, रोज़गार सृजन और नवाचार पर जोर देना आवश्यक है। इस दृष्टि से भारतीय निजी पूँजी का ध्यान वैश्विक बाजारों से घरेलू निवेश और नवाचार पर केंद्रित करना प्रमुख आवश्यकता बन गया है।

भारतीय पूँजी की उभरती भूमिका

  • स्वतंत्रता के बाद से 1991 के उदारीकरण तक निजी पूँजी ने भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान दिया।
  • उदारीकरण के बाद कंपनियाँ वैश्विक प्रतिस्पर्धा और विदेशी संपत्तियाँ हासिल करने लगीं।
  • वर्तमान में वैश्विक बाजारों में लाभ कम होने के कारण घरेलू निवेश पर ध्यान आवश्यक।
  • भारत की 2036 तक 10 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की महत्वाकांक्षा के लिए घरेलू पूंजीगत निवेश महत्वपूर्ण।

घरेलू निवेश पर पुनर्निर्देशन की आवश्यकता

  • सरकारी पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2020: ₹3.4 लाख करोड़ → वित्त वर्ष 2025: ₹10.2 लाख करोड़ (25% वार्षिक वृद्धि)।
  • निजी निवेश स्थिर: ~22–23% जी.डी.पी. का हिस्सा।
  • FDI में वृद्धि, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण भारतीय कंपनियों की विदेशों में निवेश प्रवृत्ति।
  • मजबूत घरेलू बुनियादी ढाँचा, जनसांख्यिकीय लाभांश और नीतिगत स्थिरता घरेलू पुनर्निवेश को व्यवहारिक विकल्प बनाते हैं।

घरेलू आर्थिक आधार को मजबूत करना

  1. मजदूरी विस्तार और समावेशी विकास

    • कॉर्पोरेट लाभ उच्च, वास्तविक मजदूरी वृद्धि स्थिर।
    • FY2026: वास्तविक मजदूरी वृद्धि ~6.5%।
    • उच्च मजदूरी → बढ़ी हुई घरेलू मांग → उपभोग और निवेश का सकारात्मक चक्र।

  1. निजी निवेश और नवाचार बढ़ावा

    • कॉर्पोरेट कर दर: सामान्य 22%, नई विनिर्माण कंपनियों के लिए 15%।
    • PLI योजना: 14 क्षेत्रों में ₹1.97 लाख करोड़ प्रोत्साहन।
    • नवाचार क्षेत्रों में घरेलू निवेश: हरित ऊर्जा, अर्धचालक, EV, डिजिटल टेक्नोलॉजी।

  1. नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ करना

    • भारत R&D: 0.64% जी.डी.पी. (अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया: 2–3%)।
    • निजी क्षेत्र R&D योगदान: ~36% (विकसित देशों में >70%)।
    • AI, बायोटेक, हरित प्रौद्योगिकियों में निवेश बढ़ाना।

निजी पूंजी को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़ना

  • निजी पूंजी को घरेलू विनिर्माण, नवाचार और राष्ट्रीय अवसंरचना परियोजनाओं में पुनर्निवेश करना।
  • टियर-2 शहरों और उभरते राज्यों में निवेश बढ़ाना।
  • सार्वजनिक व्यय और निजी निवेश का समन्वय भारत की दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि के लिए आवश्यक।

आगे की राह (Way Forward / Solutions)

  • घरेलू निजी निवेश को गति देना।
  • सार्वजनिक और निजी निवेश का पूरक बनाना।
  • रोजगार सृजन, नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।
  • वैश्विक आर्थिक संकटों के प्रति संवेदनशीलता कम करना।


2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

  • GS Paper II: Governance, Economic Development, Policy Measures
  • GS Paper III: Indian Economy, Investment, Industrial Policy, Infrastructure, Technology & Innovation
  • Essay / Optional: Economic Development, Public Policy, Governance

Keywords & Dimensions:

  • घरेलू निवेश (Domestic Investment)
  • निजी पूँजी (Private Capital)
  • नवाचार और R&D (Innovation & R&D)
  • रोज़गार सृजन (Employment Generation)
  • आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat)
  • आर्थिक स्थिरता (Economic Stability)


3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (Previous Year Questions)

Related Prelims PYQ

  • 2023: “PLI योजना के उद्देश्य और इसके लाभ क्या हैं?”
  • 2024: “भारत में निजी निवेश में बाधाओं का विश्लेषण कीजिए।”

Related Mains PYQ

  • 2022: “भारत में घरेलू निवेश को बढ़ावा देने के लिए कौन-से कदम आवश्यक हैं?”
  • 2023: “निजी पूँजी को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित करने के महत्व पर चर्चा करें।”

संभावित प्रश्न भविष्य के लिए (Expected Questions)

  • भारत में घरेलू निवेश को सशक्त करने के लिए नीति उपाय।
  • निजी पूंजी और नवाचार का आर्थिक विकास में योगदान।
  • रोजगार सृजन और समावेशी विकास के लिए निजी निवेश का महत्व।


4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)

Q. वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत में घरेलू निवेश और निजी पूँजी की भूमिका पर चर्चा करें। (10/15 marks)

👉 मॉडल उत्तर संरचना

परिचय (Introduction):
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत को स्थिर आर्थिक विकास के लिए घरेलू निवेश और निजी पूँजी पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।

मुख्य भाग (Body):

  • महत्त्व:
    • आंतरिक मांग सशक्त, रोज़गार सृजन, नवाचार।
    • निजी निवेश का घरेलू अर्थव्यवस्था में योगदान।
  • चुनौतियाँ:
    • निजी निवेश स्थिर, FDI प्रवृत्ति विदेशों में।
    • मजदूरी वृद्धि और समावेशी विकास में असंतुलन।
  • उदाहरण / केस स्टडी:
    • PLI योजना, हरित ऊर्जा, अर्धचालक और डिजिटल टेक्नोलॉजी में घरेलू निवेश।
    • दक्षिण कोरिया और चीन का नवाचार आधारित विकास मॉडल।

निष्कर्ष (Conclusion):
घरेलू निवेश और निजी पूँजी को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़कर भारत अपने 2036 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल कर सकता है। नीति सुधार, नवाचार प्रोत्साहन और रोजगार सृजन इसके मुख्य स्तंभ होंगे।


5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)

  • घरेलू निवेश (Domestic Investment): भारत में पूंजीगत व्यय और निवेश।
  • निजी पूँजी (Private Capital): निजी क्षेत्र द्वारा निवेश।
  • PLI योजना (Production Linked Incentive): विनिर्माण क्षेत्रों में उत्पादन प्रोत्साहन।
  • नवाचार (Innovation): अनुसंधान, नई तकनीक और उत्पाद।
  • आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat): देश की आंतरिक आर्थिक शक्ति और स्वतंत्रता।

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