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दक्षिण-चीन सागर विवाद | South China Sea Dispute & India

दक्षिण-चीन सागर में विवाद और भारत 

1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)

संदर्भ और पृष्ठभूमि (Context & Background)

  • हाल ही में चीन ने राष्ट्रीय दिवस पर विवादित स्कारबोरो शोल पर अपना झंडा फहराया और इसे प्राकृतिक अभ्यारण्य घोषित किया।
  • फिलीपींस ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
  • वर्ष 2016 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के दावों के विरुद्ध स्थायी मध्यस्थता न्यायालय (PCA) ने फैसला सुनाया था, लेकिन चीन ने दक्षिण चीन सागर पर नियंत्रण बनाए रखने का दावा जारी रखा।

स्कारबोरो शोल का महत्व

  • भौगोलिक स्थिति: लूजोन द्वीप से लगभग 220 किमी पश्चिम।
  • प्राकृतिक संसाधन: मछली पकड़ने का समृद्ध क्षेत्र, शंख और समुद्री खीरे।
  • रणनीतिक महत्व: दक्षिण चीन सागर में नौवहन मार्गों और समुद्री शक्ति प्रक्षेपण के लिए।

मुख्य मुद्दे / चुनौतियाँ (Issues/Challenges)

  • भौगोलिक एवं ऐतिहासिक दावे:
    • चीन का दावा: हुआंगयान द्वीप, 1200 ई. से युआन राजवंश से।
    • फिलीपींस का दावा: UNCLOS के तहत 200 समुद्री मील EEZ।
  • दक्षिण चीन सागर में अन्य विवाद:
    • चीन-वियतनाम: पैरासेल और स्प्रैटली द्वीप, मछली पकड़ने और तेल-गैस संसाधन।
    • चीन-मलेशिया: ल्यूकोनिया शोल्स, ऊर्जा संसाधन।
    • चीन-ब्रुनेई/इंडोनेशिया: नाटुना द्वीपसमूह, हाइड्रोकार्बन भंडार।
  • सैन्यीकरण और शक्ति प्रक्षेपण: चीन ने द्वीपों पर सैन्य आधार बनाए, जिससे क्षेत्रीय प्रभुत्व बढ़ रहा है।
  • ताइवान और 9-डैश लाइन: चीन की रणनीति में क्षेत्रीय प्रभुत्व और ताइवान पर दबाव।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National & International Impact)

  • चीन के लिए:
    • समुद्री मार्ग, ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय प्रभुत्व।
  • फिलीपींस/ASEAN देशों के लिए:
    • समुद्री संसाधनों का नियंत्रण, सुरक्षा चुनौतियाँ।
  • भारत के लिए:
    • दक्षिण चीन सागर में बढ़ती भागीदारी (सैन्य अभ्यास, ब्रह्मोस निर्यात, साझेदारी)।
    • हिंद महासागर में रणनीतिक संतुलन और व्यापार सुरक्षा।
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर:
    • नौवहन की स्वतंत्रता, अंतर्राष्ट्रीय कानून (UNCLOS), और क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव।

आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions)

  • कूटनीतिक प्रयास: ASEAN, UN और मल्टीलेट्रल प्लेटफ़ॉर्म पर विवाद समाधान।
  • सैन्य संतुलन: क्षेत्रीय सहयोग और नौसैनिक अभ्यास।
  • साझेदारी और सुरक्षा: भारत जैसी साझीदारों के साथ तकनीकी और रक्षा सहयोग बढ़ाना।
  • अंतरराष्ट्रीय कानून: UNCLOS के अनुसार विवाद समाधान और 9-डैश लाइन को चुनौती देना।

Extra Data / Case Studies

  • भारत-फिलीपींस समझौता: 100 ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइलें (जनवरी 2022)।
  • भारत-वियतनाम समझौता: लाइट मिसाइल फ्रिगेट (जून 2023)।
  • साझा नौसैनिक अभ्यास: मई 2019, अगस्त 2021, मई 2023।


2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

Dimension

Details

GS Paper I

Geography: South China Sea, EEZ, Maritime Geography

GS Paper II

IR: India’s Act East Policy, China-ASEAN Relations, UNCLOS, Strategic Affairs

GS Paper III

Security: Maritime security, Defence Diplomacy, Energy Security

Essay

India’s strategic autonomy, Regional Geopolitics

Optional

International Relations, Political Science, Geography

Keywords & Dimensions:

  • Maritime Disputes, EEZ, UNCLOS, Strategic Security, India-ASEAN Relations, South China Sea, Energy Security, Naval Diplomacy, 9-Dash Line, Regional Hegemony


3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)

Prelims Related:

  • 2023: दक्षिण चीन सागर में किन देशों के साथ भारत ने सामूहिक नौसैनिक अभ्यास किया था?
  • 2021: 9-डैश लाइन के संदर्भ में कौन सा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय निर्णय दे चुका है?

Mains Related:

  • 2022: भारत की Act East Policy में दक्षिण चीन सागर का महत्व।
  • 2020: दक्षिण चीन सागर विवाद का भारत की सुरक्षा नीति पर प्रभाव।

संभावित प्रश्न (Future):

  • भारत दक्षिण चीन सागर में अपनी भागीदारी क्यों बढ़ा रहा है?
  • दक्षिण चीन सागर में 9-डैश लाइन और UNCLOS का महत्व।
  • ASEAN और भारत की रणनीतिक साझेदारी।


4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)

Q. भारत के लिए दक्षिण चीन सागर में बढ़ती भागीदारी क्यों महत्वपूर्ण है? 15 मार्क्स

👉 मॉडल उत्तर संरचना:
परिचय:

  • दक्षिण चीन सागर, समुद्री मार्ग और प्राकृतिक संसाधनों के लिए रणनीतिक क्षेत्र।
  • हाल के विवाद और चीन की 9-डैश लाइन।

मुख्य भाग:

  • चीन के दावे और क्षेत्रीय प्रभुत्व: सैन्यीकरण, संसाधन और ताइवान पर दबाव।
  • भारत की भागीदारी: संयुक्त नौसैनिक अभ्यास, रक्षा सहयोग, ब्रह्मोस निर्यात।
  • रणनीतिक महत्व: हिंद महासागर में संतुलन, व्यापार सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा।
  • अंतर्राष्ट्रीय कानून: UNCLOS और नौवहन की स्वतंत्रता।

निष्कर्ष:

  • कूटनीतिक और सैन्य संतुलन, साझेदारी, अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार विवाद समाधान।
  • भारत की भागीदारी क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक सुरक्षा के लिए अनिवार्य।


5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)

  • EEZ (Exclusive Economic Zone): 200 समुद्री मील तक का क्षेत्र, जिसमें देश को प्राकृतिक संसाधनों पर विशेष अधिकार।
  • 9-Dash Line: चीन की विवादित समुद्री सीमा रेखा, दक्षिण चीन सागर में 2000+ किमी तक फैली।
  • UNCLOS: United Nations Convention on the Law of the Sea, समुद्री अधिकारों का अंतर्राष्ट्रीय कानून।
  • Act East Policy: भारत की दक्षिण-पूर्व एशिया और आसियान देशों के साथ रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग नीति।

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