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महात्मा गांधी | सत्य, अहिंसा और नैतिक साहस के प्रतीक | Mahatma Gandhi

महात्मा गांधी : सत्य, अहिंसा और नैतिक साहस के प्रतीक


1. भूमिका (Introduction)

गांधी जयंती केवल एक जन्मदिन का उत्सव नहीं है, बल्कि सत्य, अहिंसा और नैतिक साहस की उस अद्भुत यात्रा का स्मरण है जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाई। दक्षिण अफ्रीका में उनके अनुभव और भारत में उनके आंदोलनों ने यह सिद्ध किया कि नैतिक शक्ति और जनआंदोलन किसी भी साम्राज्य से बड़ा होता है।


2. प्रारंभिक जीवन (Early Life)

  • जन्म : 2 अक्टूबर 1869, पोरबंदर (गुजरात)।
  • माता-पिता : करमचंद गांधी और पुतलीबाई।
  • धार्मिक–सांस्कृतिक प्रभाव : वैष्णव और जैन परंपराओं से सत्य, अहिंसा, सहिष्णुता और त्याग के संस्कार।
  • कथाओं का प्रभाव : श्रवण और हरिश्चंद्र की कहानियों से ईमानदारी और नैतिक दृढ़ता।


3. दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह का प्रयोग (South Africa Phase)

  • 1893 : नस्लीय भेदभाव का अनुभव (ट्रेन से निकाले जाने की घटना)।
  • 1894 : नस्लीय अन्याय के खिलाफ पहला संगठित संघर्ष।
  • 1899 : बोअर युद्ध में Indian Ambulance Corps का गठन।
  • फीनिक्स फार्म और टॉल्स्टॉय फार्म – सत्याग्रह प्रशिक्षण केंद्र।
  • 1906 : ट्रांसवाल में पहला सत्याग्रह आंदोलन।
  • 👉 दक्षिण अफ्रीका गांधीजी के लिए "सत्याग्रह प्रयोगशाला" बना।


4. भारत में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व (Freedom Struggle in India)

(क) चंपारण सत्याग्रह (1917)

  • बिहार में नील किसानों के शोषण के खिलाफ।
  • पहला सफल सत्याग्रह, गांधी का राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश।

(ख) खेड़ा सत्याग्रह (1918)

  • गुजरात के किसानों की कर–छूट और फसल सुरक्षा की मांग।

(ग) खिलाफत और असहयोग आंदोलन (1920-22)

  • हिंदू–मुस्लिम एकता का प्रयास।
  • विदेशी वस्त्रों, स्कूलों, उपाधियों का बहिष्कार।
  • चौरी-चौरा हिंसा के बाद आंदोलन स्थगित।

(घ) कांग्रेस की अध्यक्षता (1924)

  • बेलगाम अधिवेशन – गांधीजी की एकमात्र अध्यक्षता।

(ङ) सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)

  • दांडी मार्च और नमक कानून का उल्लंघन।
  • जनआंदोलन का नया शिखर।

(च) गांधी–इरविन समझौता और गोलमेज सम्मेलन (1931)

  • कैदियों की रिहाई और अस्थायी राजनीतिक राहत।

(छ) भारत छोड़ो आंदोलन (1942)

  • “करो या मरो” का नारा।
  • नेताओं की गिरफ्तारी और व्यापक विरोध प्रदर्शन।


5. हत्या और अमर विरासत (Martyrdom & Legacy)

  • 30 जनवरी 1948 : नाथूराम गोडसे द्वारा हत्या।
  • समाधि स्थल : राजघाट, नई दिल्ली।
  • उनकी शिक्षाएँ आज भी विश्व नेताओं – मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला – के लिए प्रेरणा।


6. गांधीजी के दर्शन और आज की प्रासंगिकता

  • सत्य और अहिंसा : वैश्विक शांति और संघर्ष समाधान का आधार।
  • सादगी और स्वावलंबन : स्थायी विकास और ग्राम-स्वराज का मॉडल।
  • मानवाधिकार और नैतिक राजनीति : लोकतंत्र को सशक्त बनाने की कुंजी।


7. निष्कर्ष (Conclusion)

महात्मा गांधी का जीवन यह सिखाता है कि नैतिक शक्ति, सत्य और अहिंसा किसी भी साम्राज्यवादी या दमनकारी ताकत से बड़ी होती है। उनकी विचारधारा केवल भारत के स्वतंत्रता संग्राम तक सीमित नहीं, बल्कि आज भी सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और विश्व शांति की राह दिखाती है।


8. UPSC प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

  • GS Paper I : Modern Indian History (Freedom Struggle, Personalities)।
  • GS Paper II : Governance, Ethics in Politics।
  • GS Paper IV (Ethics) : Integrity, Non-violence, Moral Courage।
  • Essay Paper : Gandhi’s Philosophy, Non-violence in International Relations।


9. संभावित UPSC प्रश्न (Expected Questions)

Prelims :

  • “Gandhi’s first experiment of Satyagraha in India was?” (Ans: Champaran 1917)

Mains :

  • "Examine the role of Gandhi’s philosophy of non-violence in India’s freedom struggle and its global relevance today."
  • "Discuss Gandhi’s idea of Swaraj and its relevance in present-day governance."
https://youtu.be/TQwycfIXn74?si=dEhff4G5yMbhO8s5



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