दक्षिण चीन सागर विवाद — संक्षिप्त विश्लेषण
🌊 1. परिचय
दक्षिण चीन सागर दक्षिण-पूर्व एशिया का अत्यंत रणनीतिक व आर्थिक दृष्टि से संवेदनशील समुद्री क्षेत्र है।
इस पर चीन और कई पड़ोसी देशों — फ़िलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान — के बीच सीमाई व समुद्री अधिकारों को लेकर विवाद है।
📌 2. प्रमुख विवादित क्षेत्र
- Paracel Islands → चीन vs वियतनाम
- Spratly Islands → चीन vs वियतनाम, फ़िलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई
- Scarborough Shoal → चीन vs फ़िलीपींस
🌐 3. क्षेत्र का महत्व
- 💰 व्यापार मार्ग → $3 ट्रिलियन का सालाना अंतरराष्ट्रीय व्यापार इसी मार्ग से
- ⛽ प्राकृतिक संसाधन → तेल, गैस और मछली संसाधनों के बड़े भंडार
- 🪖 सैन्य दृष्टि से → सामरिक रूप से अहम द्वीप, कई देशों की सैन्य उपस्थिति बढ़ी
🧭 4. नाइन-डैश लाइन (Nine-Dash Line)
- चीन का दावा: दक्षिण चीन सागर के 90% हिस्से पर ऐतिहासिक अधिकार
- पहली बार 1947 में प्रस्तुत, बाद में नौ खंडों में दिखाया गया
- 2016: PCA (Permanent Court of Arbitration) ने चीन के दावे को अवैध घोषित किया
⚖️ 5. अंतरराष्ट्रीय कानून का पहलू
- UNCLOS 1982 के अनुसार — देशों को केवल 200 नॉटिकल मील की EEZ का अधिकार
- PCA ने स्पष्ट कहा: नाइन-डैश लाइन का कोई कानूनी आधार नहीं
- चीन फैसले को मानता नहीं और गतिविधियां जारी रखता है
🌍 6. भू-राजनीतिक दृष्टिकोण
- चीन: इसे ऐतिहासिक अधिकार, संप्रभुता और सुरक्षा का प्रश्न मानता है
- ASEAN देश: चीन के दावे को अंतरराष्ट्रीय कानून के विरुद्ध मानते हैं
- अमेरिका व पश्चिमी देश: FONOPs के ज़रिए चीन को चुनौती, रणनीतिक जलमार्ग की सुरक्षा पर ज़ोर
📌 UPSC Prelims के लिए संभावित तथ्य
- नाइन-डैश लाइन पहली बार: 1947
- PCA फैसला: 2016 (फ़िलीपींस के पक्ष में)
- UNCLOS: 1982 (EEZ = 200 nautical miles)
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