प्रधान मंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी तिरुपर कुमारन और सुब्रमण्य शिव को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
दोनों ही तमिलनाडु के महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष में अपना जीवन समर्पित किया।
🇮🇳 तिरुपर कुमारन (1904–1932)
जन्म: इरोड के पास (तमिलनाडु) के एक बुनकर परिवार में।
संस्था: देशबंधु यूथ एसोसिएशन की स्थापना की।
प्रेरणा: महात्मा गांधी के अहिंसक सविनय अवज्ञा आंदोलन से प्रभावित।
मुख्य योगदान:
ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई प्रदर्शन और रैलियों का नेतृत्व किया।
1932 में एक विरोध मार्च के दौरान, राष्ट्रीय ध्वज हाथ में लिए हुए शहीद हुए।
उन्हें सम्मानपूर्वक “Kodi Kaatha Kumaran” (कोडी काथा कुमारन – “ध्वज की रक्षा करने वाले कुमारन”) कहा जाता है।
स्मृति: तिरुपुर में उनकी प्रतिमा स्थापित है और वे तमिलनाडु में देशभक्ति के प्रतीक माने जाते हैं।
🇮🇳 सुब्रमण्य शिव (1884–1925)
जन्म: डिंडीगुल (मदुरै जिला), तमिलनाडु।
प्रेरणा: महात्मा गांधी और वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई से।
आंदोलन: असहयोग आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
योगदान:
ब्रिटिश शासन के खिलाफ कई भाषण और लेख लिखे।
रामानुज विजयम और माधव विजयम जैसी देशभक्ति रचनाएँ लिखीं।
उन्हें कई बार कैद भी झेलनी पड़ी और जेल में ही स्वास्थ्य बिगड़ने से निधन हुआ।
महत्व:
वे तमिल साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम दोनों के प्रमुख योगदानकर्ताओं में गिने जाते हैं।
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