भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य और लौह अयस्क संचालन प्रस्ताव : पर्यावरणीय संतुलन बनाम विकास की चुनौती
📰 हाल की घटना (In News)
गोवा के राज्य वन्यजीव बोर्ड ने हाल ही में कलेम रेलवे स्टेशन पर लौह अयस्क के परिवहन और संचालन के लिए अनुमति से जुड़ा एक प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) को विचार हेतु भेजने की सिफारिश की है। यह स्टेशन भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य और मोलेम राष्ट्रीय उद्यान के निकट स्थित है।
यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक गतिविधियों के बीच संतुलन को लेकर गंभीर चर्चाओं को जन्म दे रहा है।
🌿 अभयारण्य का परिचय (About the Sanctuary)
भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य, गोवा की पूर्वी सीमा पर स्थित है और यह राज्य का सबसे बड़ा संरक्षित वन क्षेत्र है। यह अभयारण्य पश्चिमी घाट की तलहटी में फैला है, जो जैव विविधता की दृष्टि से भारत के सबसे समृद्ध क्षेत्रों में गिना जाता है।
- 📍 स्थान: मोलेम गाँव के समीप, गोवा
- 🗺️ क्षेत्रफल: लगभग 240 वर्ग किलोमीटर
- 🏞️ स्थापना वर्ष: 1969 (पहले मोलेम गेम सैंक्चुअरी, बाद में नाम बदला गया)
- 🏡 समावेशन: अभयारण्य के भीतर ही मोलेम राष्ट्रीय उद्यान भी स्थित है।
🌄 भौगोलिक व सांस्कृतिक विशेषताएँ (Geographical & Cultural Features)
- यह क्षेत्र दूधसागर जलप्रपात, डेविल्स कैन्यन, ताम्बडी सुरला मंदिर और अन्य कई ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
- पश्चिमी घाट की ऊँचाई और नमी वाले पारिस्थितिक क्षेत्र के कारण यहाँ जलवायु नम और हरियाली से परिपूर्ण रहती है।
- यह क्षेत्र गोवा की नदी प्रणालियों और जलग्रहण क्षेत्रों का भी हिस्सा है, जिससे इसका पारिस्थितिक महत्व और बढ़ जाता है।
🌳 वनस्पति (Flora)
अभयारण्य में तीन प्रमुख प्रकार के वन पाए जाते हैं —
-
🌿 पश्चिमी तट के उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
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🌱 अर्ध-सदाबहार वन
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🍂 आर्द्र पर्णपाती वन
इन वनों में सागौन, नीलगिरी, बाँस और काजू के वृक्ष बड़ी संख्या में मिलते हैं। यह मिश्रित वन संरचना विभिन्न वन्यजीवों को आश्रय और भोजन उपलब्ध कराती है।
🐅 जीव-जंतु विविधता (Faunal Diversity)
🐾 प्रमुख स्तनधारी
- तेंदुआ
- भारतीय हाथी
- हिरण की विभिन्न प्रजातियाँ
- गौर (भारतीय बाइसन) — यह इस अभयारण्य की प्रमुख शाकाहारी प्रजाति है।
🐍 सरीसृप
- इस क्षेत्र का मुख्य आकर्षण “किंग कोबरा” है, जिसकी यहाँ उल्लेखनीय आबादी पाई जाती है। यह इस क्षेत्र को हर्पेटोलॉजिकल दृष्टि से विशेष बनाता है।
🐦 पक्षी
लगभग 200 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं, जिनमें कुछ उल्लेखनीय हैं:
- मालाबार पाइड हॉर्नबिल
- ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल
- पैराडाइज फ्लाईकैचर
- भारतीय कृष्ण कठफोड़वा
- ग्रे जंगल फाउल (Grey Jungle Fowl)
- विभिन्न प्रजातियों के किंगफिशर
यह पक्षी विविधता इसे बर्डवॉचर्स और ऑर्निथोलॉजिस्ट्स के लिए एक महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट बनाती है।
⚖️ विकास बनाम संरक्षण की बहस (Development vs Conservation)
कलेम रेलवे स्टेशन पर लौह अयस्क संचालन की अनुमति का मुद्दा महज एक स्थानीय बुनियादी ढाँचे की परियोजना नहीं है, बल्कि यह प्रश्न उठाता है कि —
- क्या पारिस्थितिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देना उचित है?
- क्या NBWL जैसी संस्थाएँ आर्थिक हितों और जैव विविधता संरक्षण में संतुलन स्थापित कर पा रही हैं?
रेलवे और खनन गतिविधियाँ, यदि बिना उचित मूल्यांकन के की गईं, तो इससे
- आवासों में विखंडन (Habitat Fragmentation),
- प्रदूषण,
- और संवेदनशील प्रजातियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
🛤️ आगे की दिशा (Way Forward)
- 🧭 पारिस्थितिक प्रभाव आकलन (EIA) को सख्ती से लागू करना और सार्वजनिक परामर्श को शामिल करना।
- 🐾 वन्यजीव गलियारों की रक्षा और रेलवे अवसंरचना में Eco-passages बनाना।
- 🌐 NBWL की भूमिका को पारदर्शी और वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित बनाना।
- 🤝 स्थानीय समुदायों व पर्यावरण वैज्ञानिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- ⛔ पर्यावरणीय रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में खनन गतिविधियों पर स्पष्ट सीमाएँ तय करना।
📚 UPSC Relevance
✍️ संभावित UPSC प्रश्न
🟡 Prelims Style
“Consider the following: 1. Bhagwan Mahavir Wildlife Sanctuary 2. Mollem National Park 3. Dudhsagar Falls
Which of the above are located in the Western Ghats Biodiversity Hotspot?”
🟡 Mains Style
“Critically analyse the challenges of permitting industrial infrastructure projects in ecologically sensitive zones with special reference to Western Ghats.”
📎 References
- MoEFCC – Government of India
- National Board for Wildlife – Official Portal
- The Hindu – Environment
- WWF India
- UNESCO – Western Ghats Biodiversity

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