अमित शाह ने अपनाया ज़ोहो मेल, स्वदेशी तकनीक को दिया समर्थन
📰 चर्चा में क्यों ?
- 🗓️ 8 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना आधिकारिक ईमेल प्लेटफॉर्म विदेशी सेवा से बदलकर स्वदेशी ज़ोहो मेल (Zoho Mail) पर स्थानांतरित किया।
- उन्होंने अपनी नई ईमेल ID 👉
amitshah.bjp@zohomail.inसार्वजनिक रूप से साझा की और सभी को अपने रिकॉर्ड अपडेट करने का आग्रह किया। - यह कदम भारत में स्वदेशी तकनीकी समाधान को बढ़ावा देने और डिजिटल स्वायत्तता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रतीकात्मक लेकिन रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
💻 ज़ोहो मेल क्यों चुना गया ?
- ✅ स्वदेशी कंपनी: ज़ोहो, चेन्नई स्थित Zoho Corporation का हिस्सा है।
- 🔐 गोपनीयता-केंद्रित: यह प्लेटफ़ॉर्म विज्ञापन-मुक्त, डेटा-प्राइवेसी केंद्रित और सुरक्षित सरकारी संचार के लिए उपयुक्त है।
- 🇮🇳 नीतिगत संकेत:
- सरकार विदेशी प्लेटफार्मों (जैसे Google Workspace, Microsoft 365) पर निर्भरता घटाना चाहती है।
- रणनीतिक रूप से स्वदेशी सॉफ़्टवेयर को प्राथमिकता दी जा रही है।
- संवेदनशील डेटा के देश में ही सुरक्षित भंडारण पर ज़ोर है।
🏢 ज़ोहो और उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
- 👨💻 ज़ोहो के सह-संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने इसे “भारतीय इंजीनियरों के लिए गर्व का क्षण” बताया।
- उन्होंने ज़ोहो की 20 वर्षों की तकनीकी प्रतिबद्धता और भारत के तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र में विश्वास को इस उपलब्धि का आधार बताया।
🌐 व्यापक नीतिगत संदर्भ — आत्मनिर्भर डिजिटल इंडिया
- यह कदम ऐसे समय में आया है जब अमेरिका–भारत के बीच व्यापार तनाव बढ़ा है और कुछ भारतीय निर्यातों पर 50% तक टैरिफ लगाया गया है।
- भारत इस अवसर का उपयोग कर रहा है:
- 🧭 “आत्मनिर्भर भारत” पहल को मज़बूती देने में।
- 🛰️ रणनीतिक डिजिटल क्षेत्रों में स्वावलंबन को बढ़ाने में।
- 🔐 डेटा गोपनीयता और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने में।
🎯 मुख्य उद्देश्य
- विदेशी टेक्नोलॉजी प्रदाताओं पर निर्भरता कम करना।
- सुरक्षित और संप्रभु सरकारी संचार ढाँचा तैयार करना।
- भारतीय तकनीकी कंपनियों में नवाचार व निवेश को बढ़ावा देना।
- “Make in India” और “Digital India” को मिलाकर एक मज़बूत टेक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना।
🏗️ ज़ोहो कॉर्पोरेशन — संक्षिप्त इतिहास
🧭 UPSC / Current Affairs उपयोग
- 📌 Prelims: ज़ोहो कॉर्पोरेशन की स्थापना व स्थान, डिजिटल संप्रभुता से जुड़ी पहल।
- 📌 Mains GS-3: “भारत की डिजिटल संप्रभुता को मज़बूत करने में स्वदेशी तकनीकी प्लेटफॉर्म की भूमिका” पर उदाहरण।
- 📌 Essay / GS-2: “Data Sovereignty and National Security” पर नीतिगत दृष्टिकोण में शामिल किया जा सकता है।
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