जैव-चिकित्सीय अनुसंधान करियर कार्यक्रम (BRCP) – चरण III
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जैव-चिकित्सीय अनुसंधान करियर कार्यक्रम (BRCP) के तीसरे चरण को मंजूरी दी है। यह कार्यक्रम जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और वेलकम ट्रस्ट (WT), ब्रिटेन के सहयोग से एस.पी.वी., इंडिया अलायंस के माध्यम से लागू किया जा रहा है। चरण III की अवधि 2025-26 से 2030-31 तक है, जिसके बाद 2031-32 से 2037-38 तक कार्यक्रम जारी रहेगा।
उद्देश्य और बजट
- इस चरण में कुल 1500 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।
- इसमें DBT का योगदान 1000 करोड़ और वेलकम ट्रस्ट, ब्रिटेन का 500 करोड़ होगा।
- कार्यक्रम का लक्ष्य उच्च स्तरीय वैज्ञानिक प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देना, नवाचार को व्यावहारिक समाधानों में बदलना, और क्षेत्रीय वैज्ञानिक असमानताओं को कम करना है।
कार्यक्रम की विशेषताएँ
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प्रारंभिक और मध्यवर्ती अनुसंधान फेलोशिप
- बुनियादी, नैदानिक और जन स्वास्थ्य अनुसंधान में शुरुआती और मध्य-स्तरीय करियर फेलोशिप।
- वैज्ञानिकों के शुरुआती करियर चरणों के लिए डिज़ाइन किया गया।
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सहयोगात्मक अनुदान कार्यक्रम
- 2-3 शोधकर्ताओं वाली टीमों के लिए करियर विकास अनुदान और उत्प्रेरक सहयोगात्मक अनुदान।
- भारत में स्थापित शोधकर्ताओं के लिए लक्षित।
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अनुसंधान प्रबंधन कार्यक्रम
- प्रमुख शोध प्रयासों को मजबूत करने के लिए संरचनात्मक और प्रबंधन समर्थन प्रदान करता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- DBT और वेलकम ट्रस्ट ने 2008-09 में इंडिया अलायंस की स्थापना की थी।
- इसके माध्यम से भारत में विश्व स्तरीय जैव-चिकित्सीय अनुसंधान फेलोशिप उपलब्ध कराई गई।
- 2018-19 में चरण II लागू किया गया, जिसमें कार्यक्रम के पोर्टफोलियो का विस्तार हुआ।
निष्कर्ष
चरण I और II ने भारत को अंतरराष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान का एक उभरता केंद्र बनाया। चरण III, पिछले चरणों के अनुभव और लाभ को आगे बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक मानकों के अनुरूप विज्ञान, प्रतिभा और नवाचार में निवेश करेगा।
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