भारत में स्टेबलकॉइन और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC)
1️⃣ पृष्ठभूमि और हाल की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संकेत दिया कि भारत की क्रिप्टोकरेंसी नीति में बदलाव संभव है और सभी देशों को स्टेबलकॉइन (Stablecoins) के साथ जुड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
यह घोषणा ऐसे समय आई है जब भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) निजी क्रिप्टोकरेंसी (Virtual Digital Assets – VDA) के प्रति सतर्क हैं।
- भारत ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को वैध नहीं माना है।
- हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कर (Tax) लगाया जाता है।
- RBI ने निजी VDA पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है।
- RBI अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
2️⃣ स्टेबलकॉइन क्या है?
स्टेबलकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, जिसका उद्देश्य मूल्य की स्थिरता बनाए रखना है।
🔹 विशेषताएँ
-
यह किसी आधार संपत्ति (Underlying Asset) से जुड़ा होता है:
- फिएट मुद्रा (USD, EURO)
- कीमती धातुएँ (सोना, चाँदी)
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मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए, इसे नियंत्रित करने वाली केंद्रीय संस्था द्वारा कॉइन जारी या समाप्त किया जाता है।
🔹 कैसे काम करता है
- यदि बाजार में मांग अधिक है, तो केंद्रीय संस्था नए कॉइन जारी कर सकती है।
- यदि मांग कम है या स्थिरता बनाए रखनी है, तो अतिरिक्त कॉइन वापस खरीद लिए जाते हैं।
- यह प्रणाली स्टेबलकॉइन को अत्यधिक अस्थिर क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन) की तुलना में स्थिर बनाती है।
3️⃣ स्टेबलकॉइन के लाभ
4️⃣ स्टेबलकॉइन के जोखिम
5️⃣ केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC)
🔹 परिभाषा
CBDC एक केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी वैध मुद्रा है।
- यह फिएट मुद्रा के समान है, केवल डिजिटल रूप में।
- इसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान को सुरक्षित और तेज़ बनाना है।
🔹 प्रकार
- खुदरा (Retail): आम जनता के लिए, डिजिटल नोट के रूप में।
- थोक (Wholesale): सीमित व्यापारिक और वित्तीय संस्थाओं के लिए, थोक भुगतान और निपटान के लिए।
🔹 लाभ
- सुरक्षित, तेज़ और पारदर्शी लेन-देन।
- डिजिटल और पारंपरिक मुद्रा का सहज रूपांतरण।
- बैंकिंग नेटवर्क तक सीमित पहुँच वाले लोगों के लिए वित्तीय समावेशन।
6️⃣ भारत का दृष्टिकोण
- भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी पर सतर्क रुख।
- CBDC और स्टेबलकॉइन को संभावित नीति में शामिल करने की तैयारी।
- उद्देश्य: वित्तीय समावेशन, डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा, और क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए सुरक्षित विकल्प।
7️⃣ संक्षेप
- स्टेबलकॉइन और CBDC भारत में वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- स्टेबलकॉइन अस्थिरता को कम कर, सीमा पार लेन-देन और क्रिप्टो ट्रेडिंग को आसान बनाते हैं।
- CBDC पारंपरिक मुद्रा का डिजिटल संस्करण है और इसे खुदरा और थोक दोनों तरह के उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- भारत सरकार की नीति संतुलित दृष्टिकोण अपनाने पर आधारित है: निजी क्रिप्टो पर सतर्क रुख, जबकि डिजिटल मुद्रा और स्टेबलकॉइन को प्रोत्साहित करना।
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