हौदेदा (Hudaydah) और अल-सलीफ (Al-Salif) बंदरगाह – पश्चिमी यमन
📍 अवस्थिति
- दोनों बंदरगाह लाल सागर (Red Sea) के तट पर, पश्चिमी यमन में स्थित हैं।
- हुदैदा, यमन की राजधानी सना (Sana’a) से लगभग 230 किमी पश्चिम में है।
🌍 सामरिक एवं आर्थिक महत्त्व
मुख्य आपूर्ति शिरा (Lifeline Ports):
- हुदैदा + सलीफ + रास इस्सा टर्मिनल से होकर यमन का 70% से अधिक आयात आता है।
- यहाँ से देश को 80% मानवीय सहायता (Humanitarian Aid) मिलती है।
- अनाज, ईंधन और दवाइयों की सबसे बड़ी खेप इन्हीं बंदरगाहों से प्रवेश करती है।
- Food and Agriculture Organization (FAO) ने इन्हें “Yemen’s Food Lifeline” कहा है।
- ये बंदरगाह बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य (Bab-el-Mandeb Strait) के नज़दीक हैं, जो अंतरराष्ट्रीय तेल व्यापार और समुद्री मार्ग (Global Shipping Lane) के लिए अति महत्वपूर्ण है।
- यहाँ से होकर विश्व व्यापार का ~10% हिस्सा गुजरता है।
⚔️ संघर्ष (Conflict Dimension)
- वर्तमान में ये बंदरगाह हूती विद्रोहियों (Houthi Rebels) के नियंत्रण में हैं।
- यमन गृहयुद्ध (2014 से) में हुदैदा पोर्ट का नियंत्रण विवाद का सबसे बड़ा कारण रहा है।
- संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कई बार यहाँ Ceasefire Agreement कराए हैं, ताकि मानवीय आपूर्ति बाधित न हो।
📊 UPSC विश्लेषण (Relevance for GS-II / IR / Security)
- यह मुद्दा पश्चिम एशिया की भू-राजनीति (Geo-politics of West Asia) से जुड़ा है।
भारत के लिए महत्व:
- भारत की ऊर्जा आपूर्ति का बड़ा हिस्सा इसी क्षेत्र (Red Sea – Bab el Mandeb – Suez Canal route) से होकर गुजरता है।
- किसी भी अस्थिरता से भारत की ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार मार्ग और शिपिंग लागत प्रभावित होती है।
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