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केंद्रीय श्रम मंत्रालय | ISSA सम्मेलन में भारत की सामाजिक सुरक्षा

केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने ISSA सम्मेलन में भारत की सामाजिक सुरक्षा विस्तार को रेखांकित किया


🟡 1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)

📌 संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background)

  • हाल ही में कुआलालंपुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) के सम्मेलन में भारत के केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने बताया कि देश में सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2015 में 19% से बढ़कर 2025 में 64% से अधिक हो गया है।
  • यह प्रगति आयुष्मान भारत, ई-श्रम पोर्टल, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना, EPFO विस्तार, और असंगठित क्षेत्र में नीतिगत प्रयासों का परिणाम है।
  • ISSA एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो सामाजिक सुरक्षा प्रशासन और नवाचार को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देती है।


⚠️ मुद्दे / चुनौतियाँ (Issues / Challenges)

  • असंगठित क्षेत्र की कवरेज: भारत की 80% से अधिक श्रमिक आबादी असंगठित क्षेत्र में कार्यरत है, जिन तक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की पहुँच अभी भी सीमित है।
  • डेटा और पहचान की समस्या: अनेक श्रमिकों के पास औपचारिक पहचान या स्थिर रोजगार रिकॉर्ड नहीं होता, जिससे लाभ का लक्षित वितरण कठिन हो जाता है।
  • वित्तीय और प्रशासनिक क्षमता: योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पर्याप्त फंडिंग, टेक्नोलॉजी और प्रशिक्षित जनशक्ति की आवश्यकता है।
  • पोर्टेबिलिटी की कमी: प्रवासी श्रमिकों के लिए लाभ का एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होना अभी भी चुनौतीपूर्ण है।
  • जागरूकता की कमी: कई श्रमिक योजनाओं की जानकारी न होने के कारण लाभ नहीं उठा पाते।


🌍 राष्ट्रीय + अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National + International Impact)

राष्ट्रीय स्तर पर:

  • सामाजिक सुरक्षा विस्तार से गरीबी में कमी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा में सुधार, और श्रम बाजार में औपचारिकता (Formalization) को बढ़ावा मिलता है।
  • यह समावेशी विकास (Inclusive Growth) और SDG-1 (No Poverty), SDG-3 (Good Health), SDG-8 (Decent Work) को समर्थन देता है।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर:

  • ISSA सम्मेलन में भारत की उपलब्धि ने विकासशील देशों के लिए Best Practice Model प्रस्तुत किया।
  • इससे भारत की ग्लोबल सोशल सिक्योरिटी गवर्नेंस में साख और नेतृत्व क्षमता को मजबूती मिली है।


🛤️ आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions)

  • यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी फ्रेमवर्क विकसित करना जो असंगठित क्षेत्र को पूरी तरह कवर करे।
  • ई-श्रम प्लेटफॉर्म को अन्य कल्याण योजनाओं से एकीकृत कर एक One Nation–One Social Security ID की दिशा में बढ़ना।
  • प्रवासी श्रमिकों के लिए पोर्टेबल बेनिफिट सिस्टम को और मज़बूत करना।
  • फिनटेक और डिजिटल नवाचार को अपनाकर योजनाओं के प्रशासन को पारदर्शी और कुशल बनाना।
  • जागरूकता अभियान और Last Mile Delivery पर फोकस।


📊 Extra Data / Reports / Case Studies

  • ILO (2023): भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज 10 वर्षों में तीन गुना बढ़ा, विशेषकर स्वास्थ्य और पेंशन क्षेत्रों में।
  • NITI Aayog रिपोर्ट (2022): असंगठित क्षेत्र में 38 करोड़ से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं।
  • विश्व बैंक की “Social Protection Atlas” रिपोर्ट में भारत को सामाजिक सुरक्षा विस्तार में “High Potential Country” के रूप में उल्लेख किया गया।


📝 2. UPSC प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

घटक

विवरण

GS Paper

GS Paper 2 (Governance, Welfare Schemes, Social Justice) + GS Paper 3 (Inclusive Growth)

Essay Paper

Inclusive Development, Social Security Reforms, Digital Governance

Optional

Public Administration, Sociology, Economics


कीवर्ड्स व आयाम (Keywords & Dimensions)

  • Governance Reforms
  • Welfare State
  • Social Protection Floor
  • Informal Sector
  • Digital Inclusion
  • SDGs (1, 3, 8, 10)
  • ISSA & ILO collaboration
  • Social Security Portability
  • Inclusive Growth Model


📝 3. UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न

🟦 Prelims PYQ

2018 – भारत में सामाजिक सुरक्षा के बारे में कौन-सा कथन सही है? (EPFO, ESIC आदि से जुड़ा प्रश्न)

🟨 Mains PYQ

GS Paper 2 (2017):

"Universal social security coverage is essential for inclusive growth in India." Discuss.


🟡 संभावित प्रश्न (Expected Questions)

Prelims (2025)

  • अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (ISSA) के बारे में निम्न में से कौन-सा कथन सही है?
  • भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज के संदर्भ में कौन-से प्रयास हाल में उल्लेखनीय हैं?

Mains (10/15 Marks)

“सामाजिक सुरक्षा कवरेज में भारत की प्रगति अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और डिजिटल नवाचार का परिणाम है। चर्चा कीजिए।”
“भारत में असंगठित क्षेत्र के लिए सामाजिक सुरक्षा का सार्वभौमीकरण एक चुनौती और अवसर दोनों है।” विश्लेषण करें।


✍️ 4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)

Q. “भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार ने शासन की समावेशी दृष्टि को कैसे सशक्त किया है? चुनौतियों और आगे के रास्ते पर चर्चा करें।” (GS Paper 2 – 15 Marks)

📍 मॉडल उत्तर संरचना

परिचय (Introduction)

  • सामाजिक सुरक्षा को ILO के अनुसार “व्यक्ति को जीवन चक्र के विभिन्न जोखिमों से सुरक्षित रखने के लिए की गई नीतिगत व्यवस्था” कहा जाता है।
  • भारत ने पिछले दशक में इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।

मुख्य भाग (Body)

  • प्रमुख योजनाएं: ई-श्रम, EPFO विस्तार, PM-SYM, Ayushman Bharat
  • उपलब्धियां: कवरेज 19% (2015) → 64% (2025)
  • चुनौतियां: असंगठित क्षेत्र, पोर्टेबिलिटी, वित्तीय संसाधन, डेटा गैप
  • प्रभाव: गरीबी उन्मूलन, श्रम बाजार औपचारिकता, सामाजिक स्थिरता
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: ISSA, ILO, Best Practice Sharing

निष्कर्ष (Conclusion)

  • सामाजिक सुरक्षा केवल कल्याणकारी नीति नहीं बल्कि मानव पूंजी निर्माण का आधार है।
  • भारत को तकनीक, नीतिगत एकीकरण और वैश्विक सहयोग के ज़रिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा की दिशा में अग्रसर रहना चाहिए।


📚 5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)

  • ISSA (International Social Security Association): सामाजिक सुरक्षा प्रशासन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने वाला अंतर्राष्ट्रीय निकाय, 1927 में स्थापित, मुख्यालय जिनेवा।
  • Social Protection Floor: ILO द्वारा सुझाई गई न्यूनतम सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था जो सभी नागरिकों को स्वास्थ्य, आय और सामाजिक सेवाओं की गारंटी देती है।
  • Portability: वह व्यवस्था जिसके तहत प्रवासी श्रमिक एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते समय भी अपने सामाजिक सुरक्षा लाभ जारी रख सकते हैं।
  • Inclusive Growth: ऐसा विकास जो समाज के सभी वर्गों को समान अवसर और सुरक्षा प्रदान करे।



📎 References (Clickable)

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