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LCA तेजस Mk-1A | भारतीय वायुसेना को पहली डिलीवरी, अक्टूबर 2025

LCA तेजस Mk-1A: भारतीय वायुसेना को पहली डिलीवरी (अक्टूबर 2025)

📅 मुख्य तिथि

  • 17 अक्टूबर 2025 — रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नासिक (HAL सुविधा) में तेजस Mk-1A की पहली उड़ान का अवलोकन करेंगे।
  • अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में IAF को पहला विमान मिलेगा।


✈️ तेजस Mk-1A की प्रमुख विशेषताएँ

घटक

विवरण

🧠 मिशन कंप्यूटर

उन्नत डिजिटल फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC Mk-1A)

🖥 डिस्प्ले

स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले (SMFD)

📡 रडार

एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार — ‘उत्तम’ (स्वदेशी)

🛡 इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर

सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, रडार वार्निंग रिसीवर, ECM पॉड लगाने की क्षमता

⚔️ डिज़ाइन

Mk-1 की तरह ही लेकिन अधिक सक्षम और नेटवर्क-centric warfare के लिए तैयार


🏭 स्वदेशी रक्षा उत्पादन में बड़ी छलांग

  • HAL को IAF के लिए 83 Mk-1A विमानों का निर्माण अनुबंध मिला।
  • इंजन आपूर्ति में देरी के कारण फरवरी 2024 से डिलीवरी आगे बढ़ी।
  • वर्तमान इंजन आपूर्ति: 1–2 प्रति माह, लक्ष्य — अगले 4 वर्षों में सभी की आपूर्ति।
  • 97 अतिरिक्त Mk-1A विमानों के लिए भी वार्ता अंतिम चरण में।


📈 भारत का रक्षा उत्पादन परिदृश्य

वित्त वर्ष

उत्पादन मूल्य

2023–24

₹1.3 लाख करोड़ (17% वृद्धि)

2024–25 लक्ष्य

₹1.6 लाख करोड़

  • लगातार दूसरा वर्ष ₹1 लाख करोड़ से अधिक
  • महामारी के बाद तेज़ पुनरुद्धार और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा रणनीति पर बल


🛩 नए अधिग्रहण और भविष्य की दिशा

  • 🇮🇳 MRFA (114 Fighter Jets) प्रस्ताव — तेज़ी से प्रगति
  • 🇫🇷 ‘मेड इन इंडिया’ राफेल खरीद योजना पर विचार
  • डसॉल्ट एविएशन के पास कुल 533 राफेल ऑर्डर, उत्पादन दर 4 विमान/माह


🕵️‍♂️ AMCA: भारत की 5वीं पीढ़ी की छलांग

  • Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) परियोजना को ₹15,000 करोड़ की मंजूरी
  • इस दशक में पहली उड़ान की संभावना
  • 2035 तक वायुसेना में शामिल होने का लक्ष्य
  • स्टील्थ क्षमता, सेंसर-fusion और next-gen युद्ध प्रणाली


🏢 Hindustan Aeronautics Limited (HAL)

  • रक्षा मंत्रालय के अधीन प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम
  • विमान, हेलीकॉप्टर, एयरोस्पेस सिस्टम्स के स्वदेशी निर्माण में अग्रणी
  • IAF, सेना और नौसेना के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराता है


🟡 निष्कर्ष

👉 तेजस Mk-1A की डिलीवरी केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता, रक्षा उद्योग की क्षमता और “आत्मनिर्भर भारत” की दिशा में मजबूत कदम है।
AMCA और MRFA जैसे कार्यक्रम भारत को एक आधुनिक वायु शक्ति में बदलने की दिशा तय कर रहे हैं।

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