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भारत–सिंगापुर MLAT | Mutual Legal Assistance Treaty Collaboration

पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (Mutual Legal Assistance Treaty - MLAT) : भारत–सिंगापुर सहयोग का उदाहरण


🟠 1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)

📌 संदर्भ व पृष्ठभूमि (Context & Background)

हाल ही में असम के प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग की सिंगापुर में मृत्यु के बाद भारत सरकार ने सिंगापुर के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) का प्रयोग किया। इस प्रक्रिया के माध्यम से भारत सिंगापुर से अपराध संबंधी जाँच में कानूनी साक्ष्य और दस्तावेज प्राप्त कर सकेगा।

MLAT देशों के बीच आपराधिक मामलों में औपचारिक रूप से जाँच, साक्ष्य आदान-प्रदान, गिरफ्तारी, और अभियोजन में सहयोग के लिए की जाने वाली द्विपक्षीय संधि होती है।


⚖️ पारस्परिक कानूनी सहायता संधि : परिचय

  • परिभाषा: यह एक ऐसी कानूनी व्यवस्था है जिसके तहत दो या अधिक देश अपराध की रोकथाम, दमन, जाँच व अभियोजन में सहयोग करते हैं।
  • उद्देश्य: यह सुनिश्चित करना कि अपराधी दूसरे देशों में साक्ष्य की कमी या प्रक्रियागत कमियों का लाभ उठाकर बच न सकें।
  • भारत में नोडल एजेंसी: गृह मंत्रालय (MHA)
  • भारत के MLAT साझेदार: 45 से अधिक देश (जैसे USA, UK, सिंगापुर, फ्रांस आदि)


🧭 भारत द्वारा/भारत को दी जाने वाली सामान्य सहायता

  • अपराध से जुड़े व्यक्तियों और संपत्ति की पहचान और लोकेशन
  • साक्ष्य और बयान प्राप्त करना
  • गवाहों या अभियुक्तों को बुलाना (जाँच में सहयोग के लिए)
  • न्यायिक दस्तावेजों की तामील कराना
  • तलाशी, ज़ब्ती और फोरेंसिक सामग्री प्राप्त करना
  • अपराध से अर्जित संपत्ति की जब्ती, कुर्की और फ्रीज़िंग की कार्यवाही


🧩 मुद्दे व चुनौतियाँ (Issues & Challenges)

  • 🕓 प्रक्रिया में समय: विभिन्न कानूनी प्रणालियों के कारण अनुरोधों पर कार्रवाई में देरी होती है।
  • 🌐 कानूनी ढाँचों में अंतर: कई बार साक्ष्य के मानक, गोपनीयता कानून या प्रक्रियाएँ अलग होती हैं।
  • 📝 अनुरोधों की गुणवत्ता: अधूरी या अस्पष्ट जानकारी के कारण कई बार विदेशी न्यायिक संस्थाएँ अनुरोध अस्वीकार कर देती हैं।
  • 🔐 डेटा प्राइवेसी और साइबर क्राइम: डिजिटल साक्ष्यों को साझा करने में कई बार गोपनीयता कानून बाधा बनते हैं।


🌍 राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National + International Impact)

राष्ट्रीय प्रभाव:

  • अपराधों की जाँच को मजबूती
  • अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई
  • न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता में वृद्धि

अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव:

  • द्विपक्षीय व बहुपक्षीय सहयोग में गहराई
  • आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, साइबर अपराध जैसे वैश्विक अपराधों के विरुद्ध समन्वित कार्रवाई
  • भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि एक विश्वसनीय कानूनी साझेदार के रूप में सुदृढ़ होती है


🛤️ आगे का रास्ता (Way Forward / Solutions)

  • डिजिटल MLAT प्लेटफ़ॉर्म बनाना ताकि अनुरोधों की प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी हो
  • 🤝 कानूनी सामंजस्य (Legal Harmonization) पर ज़ोर ताकि साक्ष्यों की स्वीकार्यता सरल हो
  • 🧠 क्षमता निर्माण: पुलिस, अभियोजन और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को MLAT प्रक्रिया पर नियमित प्रशिक्षण देना
  • 📊 डेटा व ट्रैकिंग सिस्टम: अनुरोधों की स्थिति को ट्रैक करने के लिए एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड
  • 🌐 बहुपक्षीय संधियों (जैसे बुडापेस्ट कन्वेंशन) में सक्रिय भागीदारी


📊 Extra Data / Report / Case Study

  • भारत ने अब तक 45+ देशों के साथ MLAT पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • गृह मंत्रालय के अनुसार, हर वर्ष सैकड़ों MLAT अनुरोध विदेशों को भेजे जाते हैं, जिनमें आतंकवाद, साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मामले अधिक होते हैं।
  • 2023 में, भारत ने अमेरिका और UAE के साथ साइबर अपराध से जुड़े 70 से अधिक मामलों में MLAT का प्रयोग किया।


🟡 2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

पहलू

विवरण

GS Paper

GS Paper 2 (Governance, International Relations), GS Paper 3 (Internal Security, Cyber Security)

Essay Paper

International cooperation, Global governance themes

Optional

PSIR, Law, Public Administration

कीवर्ड और आयाम (Keywords & Dimensions)

  • International Cooperation
  • Governance & Criminal Justice
  • Cyber Security & Transnational Crimes
  • MLAT, Extradition, Mutual Assistance, Legal Framework
  • Internal Security, Digital Evidence, Law Enforcement


📝 3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)

📌 Prelims PYQ

2016: भारत द्वारा किस देश के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) पर हस्ताक्षर नहीं किया गया है? (विकल्प आधारित प्रश्न)

📌 Mains PYQ

GS Paper 2 – 2019

“Transnational crime poses new challenges to India’s security architecture. Discuss how international cooperation mechanisms like MLAT can address this.”

📌 संभावित भविष्य प्रश्न (Expected Future Question)

Q. “भारत के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधियों (MLATs) का महत्व और सीमाओं का विश्लेषण कीजिए। साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौतियों के संदर्भ में इनके सुधार हेतु सुझाव दीजिए।”


✍️ 4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)

Q. “भारत में आपराधिक न्याय प्रणाली में पारस्परिक कानूनी सहायता संधियों (MLATs) की भूमिका और प्रासंगिकता पर चर्चा कीजिए। इनके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आवश्यक सुधार सुझाइए।” (15 अंक)

✅ मॉडल उत्तर संरचना

परिचय
MLAT की परिभाषा + अपराध के वैश्वीकरण की संक्षिप्त पृष्ठभूमि

मुख्य भाग

  • भूमिका (जाँच, अभियोजन, साक्ष्य प्राप्ति)
  • भारत के उदाहरण (सिंगापुर केस, आतंकवाद, साइबर अपराध)
  • मुद्दे व चुनौतियाँ (प्रक्रियागत देरी, कानूनी असमानता, डेटा गोपनीयता)
  • राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्व

निष्कर्ष
डिजिटल प्रक्रियाओं, कानूनी समन्वय और बहुपक्षीय सहयोग की ओर ठोस कदम ही MLAT को अधिक प्रभावी बना सकते हैं।


🧠 5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)

Mutual Legal Assistance Treaty (MLAT)

एक औपचारिक द्विपक्षीय समझौता जिसके तहत देश अपराध से जुड़ी जाँच, साक्ष्य संग्रह, अभियोजन और अपराधियों की पहचान में एक-दूसरे को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं।



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📚 References

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