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PM ई-ड्राइव योजना | भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति | PM E-Drive

PM ई-ड्राइव योजना: भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति

1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)

संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background):

PM ई-ड्राइव (प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट) योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसे सितंबर 2024 में कैबिनेट की मंजूरी मिली। यह योजना 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2026 तक चलनी है और इसके लिए 10,900 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह योजना FAME-I और FAME-II जैसी पूर्ववर्ती योजनाओं का स्थान लेती है और देश में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन की गई है। 28 सितंबर 2025 को जारी नए दिशानिर्देश विशेष रूप से चार्जिंग अवसंरचना के तीव्र विस्तार पर केंद्रित हैं।

मुद्दे/चुनौतियाँ (Issues/Challenges):

  • चार्जिंग अवसंरचना का अभाव: देश में मौजूदा लगभग 30,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बढ़ती EV मांग के अनुरूप नहीं हैं, जिससे "रेंज एंग्जायटी" बनी रहती है।
  • असंगठित क्षेत्र का दबदबा: चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर असंगठित क्षेत्र का प्रभुत्व है, जो मानकीकरण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में बाधक है।
  • नीतिगत कार्यान्वयन में कमियाँ: FAME-II जैसी पिछली योजनाओं के अनुभव से पता चलता है कि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सख्त निगरानी और पारदर्शी कार्यान्वयन की आवश्यकता है।
  • वित्तीय निरंतरता: 10,900 करोड़ रुपये के बड़े बजट का प्रभावी ढंग से उपयोग सुनिश्चित करना और सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकना एक प्रमुख चुनौती है।

राष्ट्रीय + अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National + International Impact):

  • राष्ट्रीय प्रभाव: यह योजना "आत्मनिर्भर भारत" और "मेक इन इंडिया" जैसे राष्ट्रीय अभियानों को मजबूती प्रदान करेगी। इससे ईंधन आयात पर निर्भरता कम होगी, स्थानीय विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा, तथा वायु प्रदूषण में कमी आएगी, जो राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के लक्ष्यों के अनुकूल है।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव: भारत का यह कदम वैश्विक जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों, विशेष रूप से अपने नेट-जीरो 2070 के लक्ष्य में योगदान देता है। एक मजबूत घरेलू EV बाजार भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर सकता है।

आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions):

  • निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहन: सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेश और नवाचार को बढ़ावा देना।
  • तकनीकी मानकीकरण: चार्जिंग स्टेशनों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत तकनीकी मानकों को लागू करना, जिससे सभी प्रकार के वाहनों की संगतता सुनिश्चित हो सके।
  • जागरूकता अभियान: उपभोक्ताओं और निवेशकों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों और चार्जिंग अवसंरचना के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना।
  • नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण: चार्जिंग स्टेशनों को सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों से जोड़कर EV पारिस्थितिकी तंत्र की पर्यावरणीय स्थिरता को और बढ़ाना।


2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)

किस GS Paper (I/II/III/IV), Essay या Optional से जुड़ा है:

  • GS Paper III: यह मुख्य रूप से इसी पेपर से संबंधित है। विषयों में शामिल हैं: आर्थिक विकास (औद्योगिक नीतियाँ, बुनियादी ढाँचा, संसाधन संरक्षण), पर्यावरणीय प्रभाव (प्रदूषण नियंत्रण, स्वच्छ ऊर्जा) और आपदा प्रबंधन (ऊर्जा सुरक्षा)।
  • GS Paper IIशासन (सरकारी नीतियों और हस्तक्षेपों का कार्यान्वयन), सामाजिक न्याय (सतत विकास) से जुड़े पहलू।
  • निबंध (Essay): "भारत में हरित अर्थव्यवस्था की राह: चुनौतियाँ और अवसर" या "आत्मनिर्भर भारत और नई औद्योगिक नीति" जैसे विषयों पर लिखा जा सकता है।

कीवर्ड और आयाम (Keywords & Dimensions):

  • शासन (Governance): नीति निर्माण, कार्यान्वयन, सार्वजनिक-निजी भागीदारी, विनियामक ढाँचा।
  • अर्थव्यवस्था (Economy): बुनियादी ढाँचा विकास, सब्सिडी, रोजगार सृजन, आयात निर्भरता में कमी।
  • पर्यावरण (Environment): जलवायु परिवर्तन, कार्बन उत्सर्जन में कमी, स्वच्छ ऊर्जा, सतत विकास।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science & Technology): इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी, चार्जिंग अवसंरचना, बैटरी प्रौद्योगिकी।


3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (UPSC Previous Year Questions)

प्रकार

विवरण

संबंधित प्रारंभिक पिछले वर्ष प्रश्न

"राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना (NEMMP) 2020 के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. यह एक राष्ट्रीय योजना है जिसका उद्देश्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देना है।

2. इस योजना के तहत, भारत सरकार ने 2020 तक 60-70 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?"

संबंधित मुख्य परीक्षा पिछले वर्ष प्रश्न

"इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की विवेचना कीजिए। इलेक्ट्रिक वाहनों के तीव्र प्रसार में आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा कीजिए।"

संभावित प्रश्न भविष्य के लिए (Expected Possible Question in Future):

  • प्रारंभिक परीक्षा: PM ई-ड्राइव योजना के बजट, लक्ष्य, कार्यान्वयन अवधि और पात्र वाहन श्रेणियों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न।
  • मुख्य परीक्षा: "PM ई-ड्राइव योजना भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी महत्वाकांक्षाओं को किस हद तक पूरा कर सकती है? इसकी सफलता में आने वाली संभावित बाधाओं का विश्लेषण कीजिए।"


4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)

Q. PM ई-ड्राइव योजना भारत के टिकाऊ परिवहन क्षेत्र के विकास में किस प्रकार मील का पत्थर साबित हो सकती है? इसकी सफलता के मार्ग में आने वाली चुनौतियों का भी उल्लेख कीजिए। (15 अंक)

👉 मॉडल उत्तर संरचना (Model Answer Structure):

परिचय (Introduction):

  • भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में PM ई-ड्राइव योजना का परिचय दें।
  • इसके बजट (10,900 करोड़ रुपये) और कार्यान्वयन अवधि (अक्टूबर 2024 - मार्च 2026) का उल्लेख करते हुए इसके रणनीतिक महत्व को रेखांकित करें।

मुख्य भाग (Body):

  • मील का पत्थर होने के कारण (Why it is a Milestone):
    • चार्जिंग अवसंरचना पर जोर: 72,300 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने और 100% तक की सब्सिडी का लक्ष्य "रेंज एंग्जायटी" को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
    • व्यापक दायरा: योजना में न केवल निजी वाहन, बल्कि ई-बस, ई-ट्रक, ई-एम्बुलेंस जैसे सार्वजनिक और वाणिज्यिक वाहनों को शामिल किया गया है, जिससे इसका प्रभाव काफी व्यापक है।
    • आर्थिक एवं पर्यावरणीय लाभ: यह योजना ईंधन आयात पर निर्भरता कम करके, स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देकर और प्रदूषण कम करके देश की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण दोनों को लाभ पहुंचाएगी।
  • चुनौतियाँ (Challenges):
    • कार्यान्वयन की बाधाएं: बड़े पैमाने पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने में तकनीकी, वित्तीय और प्रशासनिक चुनौतियाँ आ सकती हैं।
    • वित्तीय स्थिरता: सब्सिडी पर दीर्घकालिक निर्भरता सरकारी वित्त पर दबाव डाल सकती है। सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने की भी आवश्यकता है।
    • असंगठित क्षेत्र का एकीकरण: चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में असंगठित क्षेत्र के प्रभुत्व को मानकीकरण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्थित करना एक चुनौती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

  • इस बात पर जोर दें कि PM ई-ड्राइव योजना भारत के टिकाऊ परिवहन के भविष्य की दिशा में एक साहसिक और आवश्यक पहल है।
  • एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए निष्कर्ष निकालें कि इसकी सफलता सख्त निगरानी, निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी, तकनीकी नवाचार और निरंतर नीतिगत समर्थन पर निर्भर करेगी। यह योजना न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगी, बल्कि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में भी स्थापित करने में मदद कर सकती है।


5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)

  • रेंज एंग्जायटी (Range Anxiety): यह इलेक्ट्रिक वाहन चालकों में एक प्रकार का डर या चिंता है कि वाहन की बैटरी उन्हें अगले चार्जिंग स्टेशन तक पहुँचने से पहले ही खत्म हो जाएगी। चार्जिंग स्टेशनों की पर्याप्त संख्या और उपलब्धता इस चिंता को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • बैटरी स्वैपिंग स्टेशन (Battery Swapping Station): यह एक ऐसी सुविधा है जहाँ इलेक्ट्रिक वाहन के मालिक अपनी खाली बैटरी को तेजी से एक पूरी तरह से चार्ज बैटरी से बदल सकते हैं। इस प्रक्रिया में वाहन को चार्ज करने में लगने वाले समय की तुलना में बहुत कम समय लगता है, जिससे यह वाणिज्यिक वाहनों और टैक्सियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
  • नेट-जीरो लक्ष्य (Net-Zero Target): यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक देश द्वारा वायुमंडल में छोड़े गए ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा, उस द्वारा वायुमंडल से हटाई गई गैसों की मात्रा के बराबर होती है। भारत ने वर्ष 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है, और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


References

  1. PM E-DRIVE Scheme Official Guidelines and 100% Subsidy Details - Sanskriti IAS
  2. PM E-DRIVE Scheme Overview and Objectives - Drishti IAS
  3. Official PM E-DRIVE Portal - Ministry of Heavy Industries
  4. PM E-DRIVE Guidelines for EV Charging Stations - Aaj Tak
  5. PM E-DRIVE Scheme Subsidy and Eligible Vehicles - Jagran Josh


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