Times Higher Education (THE) World University Rankings 2026
(THE World University Rankings 2026 – India’s Strongest Performance Ever)
📝 1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)
📌 संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background)
- 9 अक्टूबर 2025 को Times Higher Education (THE) ने World University Rankings 2026 जारी की।
- इस रैंकिंग ने वैश्विक उच्च शिक्षा परिदृश्य में बदलाव की एक दोहरी प्रवृत्ति को रेखांकित किया:
- पारंपरिक महाशक्ति अमेरिका की कुछ क्षेत्रों में गिरावट
- भारत और एशिया के कई हिस्सों का निरंतर उभार
- ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय (UK) ने लगातार 10वें वर्ष शीर्ष स्थान बनाए रखा।
- भारत अब 128 विश्वविद्यालयों के साथ सूची में दूसरा सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व करने वाला देश बन गया है (अमेरिका के 171 के बाद)।
🌐 वैश्विक हाइलाइट्स (Global Highlights)
⚠️ मुद्दे/चुनौतियाँ (Issues / Challenges)
अमेरिका:
- राजनीतिक ध्रुवीकरण और वित्त पोषण में कटौती
- प्रतिभा पलायन (brain drain)
- शोध व अंतरराष्ट्रीय सहयोग में प्रतिस्पर्धा में कमी
ब्रिटेन:
- वित्तीय तंगी और उच्च शिक्षा में सीमित सार्वजनिक निवेश
- ब्रेक्ज़िट के बाद अंतरराष्ट्रीय छात्र और सहयोग में कमी
भारत:
- शीर्ष 200 में सीमित उपस्थिति (IISc सर्वोच्च 201–250 बैंड में)
- अधिकांश भारतीय विश्वविद्यालयों को शोध गुणवत्ता, वैश्विक सहयोग और फंडिंग में सुधार की आवश्यकता
🇮🇳 भारत: ऐतिहासिक वृद्धि (India’s Strongest Representation Ever)
- कुल संस्थान: 128 (171 अमेरिकी विश्वविद्यालयों के बाद दूसरा स्थान)
- 2016 में सिर्फ 19 संस्थान सूचीबद्ध थे — 9 गुना वृद्धि
- सरकार और निजी क्षेत्र दोनों में उच्च शिक्षा गुणवत्ता सुधार की दिशा में ठोस प्रगति
📊 भारत के शीर्ष प्रदर्शनकर्ता विश्वविद्यालय (Rank Bands)
📌 अन्य उल्लेखनीय: IIT इंदौर, BHU, KIIT, LPU, UPES, दिल्ली विश्वविद्यालय, AMU, IIT पटना, IIIT हैदराबाद आदि।
🛤️ आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions)
- 🌐 शोध एवं नवाचार पर निवेश बढ़ाना (R&D expenditure को GDP के 1% से ऊपर ले जाना)
- 🤝 अंतरराष्ट्रीय सहयोग — संयुक्त शोध, विदेशी फैकल्टी, एक्सचेंज प्रोग्राम को प्रोत्साहन
- 📈 फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात, अधोसंरचना और वैश्विक रैंकिंग मैट्रिक्स में सुधार
- 🏛️ NEP 2020 के तहत ग्लोबल स्टैंडर्ड HEIs के निर्माण और संस्थागत स्वायत्तता को मजबूत करना
📚 2. UPSC प्रासंगिकता (UPSC Relevance)
🧠 3. UPSC पिछले वर्ष के प्रश्न (Previous Year Questions)
Prelims PYQ:
- 2015: “Times Higher Education World University Rankings में भारतीय संस्थानों का प्रदर्शन निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में पिछड़ा हुआ पाया गया?” (उत्तर: शोध और अंतरराष्ट्रीय सहयोग)
Mains PYQ:
- GS Paper II (2019): “भारत में उच्च शिक्षा प्रणाली के सामने प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा कीजिए और सुधार के उपाय सुझाइए।”
Expected Future Question:
“Times Higher Education World University Rankings 2026 भारत के लिए अवसर और चुनौतियों दोनों को दर्शाती है। चर्चा कीजिए।” (GS Paper II/III)
✍️ 4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)
Q. “वैश्विक विश्वविद्यालय रैंकिंग में भारत के उभरते प्रदर्शन को उच्च शिक्षा सुधारों और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की दृष्टि से विश्लेषित कीजिए।” (15 Marks)
👉 मॉडल उत्तर संरचना
परिचय:
- वैश्विक विश्वविद्यालय रैंकिंग शिक्षा की गुणवत्ता, शोध, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति का सूचक हैं। THE 2026 में भारत की उल्लेखनीय प्रगति इसे दर्शाती है।
मुख्य भाग:
- भारत के प्रतिनिधित्व में ऐतिहासिक वृद्धि (19 से 128 संस्थान)
- IISc और अन्य संस्थानों की प्रगति
- अमेरिका और ब्रिटेन की गिरावट के बीच भारत-एशिया का उभार
- R&D निवेश, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, स्वायत्तता जैसे कारकों का महत्व
- चुनौतियाँ: शीर्ष 200 में सीमित उपस्थिति, शोध गुणवत्ता, फंडिंग अंतर
निष्कर्ष:
- भारत की उच्च शिक्षा वैश्विक मंच पर उभर रही है।
- यदि नीति सुधार, निवेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्राथमिकता दी जाए तो भारत अगले दशक में शिक्षा क्षेत्र की नई शक्ति बन सकता है।
🧾 5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)
- THE World University Rankings: Times Higher Education द्वारा वार्षिक वैश्विक रैंकिंग, जिसमें शिक्षण, शोध, उद्धरण, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और उद्योग आय जैसे 5 प्रमुख पैरामीटर होते हैं।
- Brain Drain: कुशल मानव संसाधन का विदेशों में प्रवास, जिससे घरेलू संस्थानों की प्रतिभा आधार कमजोर होता है।
- NEP 2020: भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, जो उच्च शिक्षा में वैश्विक मानकों और संस्थागत स्वायत्तता पर बल देती है।
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