भारत सरकार का ई-मेल प्लेटफ़ॉर्म Zoho में स्थानांतरण
1. सारांश एवं विश्लेषण (Summary & Analysis)
संदर्भ + पृष्ठभूमि (Context + Background)
भारत सरकार ने लगभग 12 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के ई-मेल खातों को नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) से स्वदेशी क्लाउड-आधारित Zoho प्लेटफ़ॉर्म पर स्थानांतरित किया है। यह कदम डिजिटल संप्रभुता को बढ़ावा देने, डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने और विदेशी सॉफ़्टवेयर पर निर्भरता कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जाता है।
Zoho एक भारतीय क्लाउड-सॉफ्टवेयर कंपनी है, जिसका मुख्यालय तमिलनाडु के तेनकासी में स्थित है। इसके संस्थापक श्रीधर वेम्बू हैं। Zoho विभिन्न व्यवसायिक एप्लिकेशन जैसे ई-मेल, दस्तावेज़ निर्माण, स्प्रेडशीट और प्रेजेंटेशन प्रदान करता है।
मुद्दे / चुनौतियाँ (Issues / Challenges)
- डेटा सुरक्षा और गोपनीयता: क्लाउड-आधारित सिस्टम होने के कारण डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक।
- सम्पूर्ण हस्तांतरण की जटिलता: पुराने NIC सिस्टम से Zoho में सभी ई-मेल खातों और डाटा का सुरक्षित ट्रांसफर।
- प्रशिक्षण की आवश्यकता: कर्मचारियों को नए प्लेटफ़ॉर्म के प्रभावी उपयोग के लिए प्रशिक्षण।
- सुरक्षा ऑडिट और निगरानी: डेटा सेंटर और सिस्टम की नियमित ऑडिटिंग सुनिश्चित करना।
राष्ट्रीय + अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव (National + International Impact)
- राष्ट्रीय स्तर पर:
- डिजिटल संप्रभुता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।
- सरकारी कर्मचारियों के डेटा की सुरक्षा में सुधार।
- स्वदेशी सॉफ़्टवेयर उद्योग के विकास को समर्थन।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर:
- भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और साइबर सुरक्षा क्षमता को वैश्विक मंच पर सशक्त करता है।
- डिजिटल गवर्नेंस में विदेशी प्लेटफ़ॉर्म पर निर्भरता कम करके तकनीकी सशक्त भारत का संदेश।
आगे का रास्ता / समाधान (Way Forward / Solutions)
- सुरक्षा सुधार: Zoho प्लेटफ़ॉर्म और सरकारी डेटा सेंटर की नियमित ऑडिटिंग।
- स्थानीय समाधानों का अधिक उपयोग: और अधिक सरकारी सेवाओं को स्वदेशी सॉफ़्टवेयर पर स्थानांतरित करना।
- उपयोगकर्ता प्रशिक्षण: कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और डिजिटल साक्षरता बढ़ाना।
- सार्वजनिक-निजी साझेदारी: भारतीय सॉफ़्टवेयर उद्योग और सरकारी संस्थाओं के बीच सहयोग बढ़ाना।
Extra Data / Case Study
- Zoho क्लाउड-सॉफ्टवेयर भारत में 1 करोड़ से अधिक व्यवसायों द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
- इस पहल से भारत की Digital India Initiative और Atmanirbhar Bharat Mission को बढ़ावा मिला है।
2. यूपीएससी प्रासंगिकता (UPSC Relevance)
- GS Paper II: Governance, Technology in Governance, E-Governance, Digital India
- GS Paper III: Cyber Security, Technology & ICT, Economy (Digital economy)
- Essay / Optional: Governance, Public Administration, Information Technology
Keywords & Dimensions:
- डिजिटल संप्रभुता (Digital Sovereignty)
- क्लाउड-आधारित सेवाएँ (Cloud-based Services)
- स्वदेशी सॉफ़्टवेयर (Indigenous Software)
- डेटा सुरक्षा (Data Security)
- सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP)
3. यूपीएससी पिछले वर्ष के प्रश्न (Previous Year Questions)
Related Prelims PYQ
- 2023: “Digital India initiative के तहत ई-गवर्नेंस के लाभ क्या हैं?”
- 2024: “भारत सरकार द्वारा अपनाई गई साइबर सुरक्षा रणनीतियाँ बताइए।”
Related Mains PYQ
- 2022: “भारत में डिजिटल संप्रभुता के महत्व का मूल्यांकन करें।”
- 2023: “स्वदेशी सॉफ़्टवेयर अपनाने से सरकारी कार्य प्रणाली पर क्या प्रभाव पड़ता है?”
संभावित प्रश्न भविष्य के लिए (Expected Questions)
- भारत सरकार द्वारा Zoho प्लेटफ़ॉर्म पर ई-मेल स्थानांतरण का महत्व और चुनौतियाँ।
- डिजिटल संप्रभुता और डेटा सुरक्षा के लिए भारत में उठाए गए कदम।
4. उत्तर लेखन अभ्यास (Answer Writing Practice)
Q. भारत सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के ई-मेल खातों को Zoho प्लेटफ़ॉर्म पर स्थानांतरित करने का महत्व और चुनौतियाँ बताइए। (10/15 marks)
👉 मॉडल उत्तर संरचना
परिचय (Introduction):
भारत सरकार ने 12 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के ई-मेल खातों को NIC से Zoho प्लेटफ़ॉर्म पर स्थानांतरित किया। यह कदम डिजिटल संप्रभुता और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्य भाग (Body):
- महत्त्व:
- स्वदेशी सॉफ़्टवेयर का उपयोग और तकनीकी आत्मनिर्भरता।
- डेटा सुरक्षा और गोपनीयता।
- सार्वजनिक-निजी साझेदारी और स्थानीय उद्योग का विकास।
- चुनौतियाँ:
- सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना।
- पुराने सिस्टम से नए सिस्टम पर डेटा हस्तांतरण।
- कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना।
- उदाहरण / केस स्टडी:
- Zoho का व्यापक उपयोग भारत में व्यवसायों और सरकारी संस्थाओं द्वारा।
निष्कर्ष (Conclusion):
Zoho प्लेटफ़ॉर्म पर स्थानांतरण से भारत की डिजिटल संप्रभुता मजबूत होती है। सरकार को सुरक्षा मानकों का पालन, नियमित ऑडिट और उपयोगकर्ता प्रशिक्षण के माध्यम से इस पहल को और प्रभावी बनाना चाहिए।
5. कीवर्ड एक्सप्लेनेशन (Keyword Explanation)
- डिजिटल संप्रभुता (Digital Sovereignty): देश की तकनीकी प्रणालियों और डेटा पर नियंत्रण।
- स्वदेशी सॉफ़्टवेयर (Indigenous Software): स्थानीय रूप से विकसित तकनीकी समाधान।
- क्लाउड-आधारित सेवाएँ (Cloud-based Services): इंटरनेट के माध्यम से डेटा और एप्लिकेशन तक पहुँच।
- डेटा सुरक्षा (Data Security): डिजिटल डेटा को अनधिकृत पहुँच और हानि से सुरक्षित रखना।
- सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP): सरकारी और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग।
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